लॉकडाउन में सबसे ज्यादा गंभीर परिस्थितियों से गुजर रहे रिक्शा व टैक्सी चालकों के वर्चस्व की लड़ाई।









कल्याण (आनंद कुमार शर्मा)

 लॉकडाउन सुरु होने के बाद से रोज कमाकर खाने वाले मजदूरों की परेशानियों को देखते हुए सरकार ने काफी सारी सुविधाएं उनको दी है, लेकिन उनके बाद अगर सबसे ज्यादा लॉकडाउन की मार पड़ी है तो वो है रिक्शा चालकों पर, जिनकी आजीविका बंद ही नही हुई बल्कि उनकी तरफ सरकार ने ध्यान भी नही दिया, रिक्शा और टैक्सी चालक भी अपना और परिवार का पेट रोज कमाकर भरता है और इनके ऊपर लॉकडाउन का असर सबसे ज़्यादा हुआ है।

लॉकडाउन में सबसे ज्यादा गंभीर परिस्थितियों से गुजर रहे रिक्शा व टैक्सी चालकों के वर्चस्व की लड़ाई, लड़ने के लिए और उनका गिरा हुआ मनोबल बढ़ाने के लिए कोंकण विभाग रिक्शा - टैक्सी महासंघ जिनके अंतर्गत महाराष्ट्र मुम्बई से सठे ५ जिल्हे आते है - ठाणे, पालघर, रायगड़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग के ८.५ लाख परमिट रिक्शा चालकों हेतु सरकार से उनके परिवार की आजीविका चलाने के लिए महासंघ ने राहत पैकेज की मांग को लेकर कोंकण विभाग रिक्शा - टैक्सी महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश विश्वनाथ पेणकर (नाना) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री माननीय उद्धव ठाकरे, परिवहन मंत्री अनिल परब, पालकमंत्री  एकनाथ शिंदे आयुक्त और जिल्हाधिकारी से पत्र द्वारा लॉकडाउन में जिस प्रकार रेल और सार्वजनिक बसें समय सारणी के हिसाब से सुरु की है उसी प्रकार, रिक्शा भी शर्तों पर सुरु करने की गुजारिश की थी जिसे सरकार ने हरीझंडी देते हुए २ पैसेंजर की अनुमती दी है, उसी प्रकार इस मुसीबत की घड़ी में रिक्शा चालकों के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।

आइये सुनते है, क्या है कहना महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश विश्वनाथ पेणकर जो शिवसेना नगरसेवक है और साथ ही स्थायी समिती तथा परिवहन समिती के सभापती भी रह चुके है, क्या संदेश दिया है उन्होंने ५ जिल्हो के रिक्शा चालकों को सुनते हैं उनकी जुबानी।


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