November 2018

Mumbai Congress conducts protests outside 15 railway stations condemning the spurt in electricity and gas cylinder charges



Mumbai: Mumbai Congress conducted a massive protest outside 15 railway stations across Mumbai today under the leadership of Mumbai Congress President Sanjay Nirupam.

Sanjay Nirupam said, “Adani has to curb the existing hike in electricity bills. This is the beginning of our fight against this atrocious hike. The electricity charges must be brought down to at least an affordable amount which was being paid before Gautam Adani took over the power business in Mumbai from Anil Ambani. If this atrocious hike isn’t curbed with immediate effect, Gautam Adani might have to leave the power business of Mumbai soon”.


Speaking about the inflated prices of gas cylinders Sanjay Nirupam said, “One gas cylinder costed around Rs. 350 under the rule of the Congress Party. Calling these prices unreasonably high, the BJP protested back then. But now under the rule of the BJP, one gas cylinder costs more than Rs. 1000. The women are forced to hit the streets today and raise their voices because PM Narendra Modi and his Govt are playing dirty games with the people”.

Mumbai Congress Chief Sanjay Nirupam urged Mumbaikars to overthrow the BJP to bring back peace and harmony in the country. While this protest was carried out in Andheri, similar protests took place simultaneously outside 14 other railways stations across Mumbai. Mumbai Congress general secretary Bhushan Patil and Ashok Sutrale conducted the protest outside Borivali station, Sandesh Kondwilkar and Rajpat Yadav carried out the protest outside Kandivali station, Jayesh Shah and former minister Suresh Shetty conducted protests outside Malad and Vile Parle Railway stations respectively, former MLA Baba Siddique and Corporator Asif Zakaria protested outside Bandra Railway station, former MP Eknath Gaikwad led the protest outside Dadar railway station,  former MLA Virendra Bakshi and Brijmohan Sharma protested outside Ghatkopar railway station, former MLC Charansingh Sapra protested outside Mulund station, North Central Mumbai District Congress Committee president Zia-ur-Rehman Wahidi and Corporator Ashraf Azmi protested outside Kurla railway station, Former MLA Madhu Chavan protested outside Byculla railway station, MLA Amin Ali conducted protest outside Masjid Bunder Railway station, leader of opposition in the BMC Ravi Raja conducted the protest outside Sewree station, former State Cabinet Minister Chandrakant Handore led the protest outside Chembur station while Javed Khan led the protest outside Govandi railway station.


 समस्तीपुर जिले के  पूसा प्रखंड स्थित  डॉ राजेंद्र प्रसाद  केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय  के पहला  दीक्षांत समारोह में बोलते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि जलवायु में लगातार हो रहे परिवर्तन को लेकर पूरी दुनिया में बहुत बड़ा संकट उपस्थित होने वाला है. इससे खेतों में पैदावार होने वाले अनाजों पर भी काफी असर पड़ेगा. इसके लिए उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से आह्वान किया है कि इसके मद्देनजर कृषि वैज्ञानिक काम करें ताकि पैदावार पर इसका असर ना हो सके.
राष्ट्रपति कोविंद आज समस्तीपुर जिले के पूसा में स्थित डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उक्त बातें कहीं. उन्होंने विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक समय इस दीक्षांत समारोह में डिग्री लेने वाले छात्रों से भी आह्वान किया कि किसानों के जीवन में बदलाव लाकर ही देश में खुशहाली लाई जा सकती है.
ऐसी स्थिति में कृषि क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले लोगों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. इसी के मद्देनजर किसानों के लिए रोड मैप तैयार करने की जरूरत है. राष्ट्रपति ने बिहार की चर्चा करते हुए कहा कि जब मैं यहां राज्यपाल के पद पर कार्यरत था तो बिहार के लोगों के बारे में सुना और देखा यहां के लोग काफी मृदुभाषी एवं मिलनसार प्रवृत्ति के होते हैं.
राष्ट्रपति ने बिहार के छठ पर्व की चर्चा करते हुए कहा कि आज छठ पर्व पूरा देश में धीरे धीरे फैलता जा रहा है. उन्होंने देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के नाम पर वर्ष 1970 में स्थापित किए गए इस विश्वविद्यालय की चर्चा करते हुए कहा कि यहां पूरे देश के लगभग 20 प्रदेशों के छात्र पढ़ते हैं.
उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति से कहा कि मेरा सुझाव यह है कि यहां पढ़ने वाले सभी छात्रों को एक बार डॉ राजेंद्र प्रसाद के पैतृक गांव जीरादेई का भ्रमण करा दे ताकि छात्रों को या देखने और सुनने का मौका मिलेगा कि देश का प्रथम राष्ट्रपति ने कितनी सादगी भरा जीवन व्यतीत किया.
इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने अपने उद्बोधन में डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि यहां के कृषि वैज्ञानिक एवं प्रशासनिक अधिकारी कृषि क्षेत्र में जिस तरह अपना योगदान करते हुए किसानों के विकास के लिए काम कर रहे हैं हैं. उसे देखकर यह लगता है कि लगता है की आने वाले दिनों में यह विश्वविद्यालय पूरे देश में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बना लेगा.

उन्होंने इस विद्यालय के विकास के लिए भारत सरकार की ओर से हर संभव मदद करने का भी आश्वासन दिया है. इस मौके पर बोलते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज कृषि के क्षेत्र में बिहार लगातार आगे बढ़ता जा रहा है. यहां के किसान काफी मेहनत लग्न एवं परिश्रम से काम करते हैं जिसका परिणाम है कि पिछले 8 सालों के दौरान लगभग सभी फसलों की पैदावार में काफी वृद्धि हुई है.


मुख्यमंत्री ने भी यहां के कृषि वैज्ञानिकों से हो रहे जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर खेती का रोड मैप बनाने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में राज्य में अब काफी कम वर्षा हो रही है पूरे राज्य में 123 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करना पड़ा है.

इससे पूर्व विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉक्टर रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने प्रथम दीक्षांत समारोह में उपस्थित सभी माननीय लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है कि इस अवसर पर हमारे देश के राष्ट्रपति के हाथों छात्रों को गोल्ड मेडल एवं डिग्री प्रदान की जाएगी. उन्होंने बताया कि हमारे विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा लैब टू लैंड किए जा रहे प्रसार कार्यक्रमों को काफी सराहा जा रहा है. जिसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी किया गया है.

इस अवसर पर 270 छात्रों को स्नातक पचासी छात्रों को परास्नातक एवं 33 छात्रों को स्वर्ण पदक की डिग्री दी गई है. स्वर्ण पदक पाने वाले 33 छात्रों में 25 लड़कियां शामिल है इस समारोह में भारत सरकार के कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह समेत बिहार के राज्यपाल मुख्यमंत्री राज्य के कृषि मंत्री प्रेम कुमार मंत्री सुरेश शर्मा सांसद अजय निषाद एवं राजसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर समेत विश्वविद्यालय के सभी कृषि वैज्ञानिक प्रशासनिक अधिकारी एवं प्रमुख किसान भी उपस्थित थे. राजकुमार राय समस्तीपुर

मुंबई। आज बेस्ट समिति की बैठक में बोनस को लेकर हंगामा हुआ। जिसके चलते सभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। अब बेस्ट कर्मचारियों के बोनस का फैसला आज होगा। इस हंगामे के चलते किसी विषय पर चर्चा नहीं हो सकी। महाव्यवस्थापक ने कहा की बीएमसी आयुक्त से बोनस को लेकर अनुरोध करेंगे। बेस्ट समिति की बैठक शुरू होते ही सुहास सावंत ने कर्मचारियों के बोनस की बात उठायी। उन्होंने कहा कि हम चाहते है कि किसी भी हाल में कर्मचारियों को बोनस मिले। सभी सदस्यों ने एकजुट होकर कर्मचारियों को बोनस देने की बात दोहराई। जबकि महाव्यवस्थापक सुरेंद्र बागड़े ने बेस्ट की तिजोरी को खाली बताते हुए हाथ खडे कर दिए। प्रशासन का रुख बोनस न देने की ओर बढ़ता देख सभी सदस्य, बोनस दो, बोनस दो के नारे लगाने लगे।  समिति सदस्य सुनील गणाचार्य ने अधिकारियों को आडे हाथों लेते हुए कहा कि आप लोगों में किसी प्रकार की इच्छा शक्ति बची नहीं दिखती जिसके चलते आप लोग हर बार हाथ खड़े कर देते हो। राज्य सरकार के सभी विभाग चाहे वे घाटे में हों या फायदे में हर कर्मचारी को बोनस मिल रहा है, फिर रात दिन मेहनत करने वालों को हम क्यों नहीं बोनस दे पा रहे हैं।
समिति सदस्य राजेश कुशले ने कहा कि हर कोई जीवन में आगे बढ़ता है, यहां उपस्थित हर किसी ने तरक्की की है, पर बेस्ट में तो मामला दूसरा ही चल रहा है। अगर हम अपने मेहनती कर्मचारियों को बोनस नहीं दिला पाए, तो बेकार है हमारा सदस्य होना, बोनस न मिलने पर मैं इस्तीफा दे दूंगा।सुहास सावंत ने कहा कि अगर हम अपने कर्मचारियों को बोनस नहीं दे सके तो वे बहुत नाराज हो उठेंगे। और त्यौहार के समय पर उन्हें मनाने हर किसी सामने आना होगा। हम बहुत मामूली रकम 5 हजार रुपए मांग रहे हैं, अगर प्रशासन ने बोनस की घोषणा नहीं की तो फिर सोमवार से बसें नहीं चलेंगी।महाव्यवस्थापक सुरेंद्र बागड़े ने कहा प्रशासन भी अपने कर्मचारियों को बोनस देना चाहता है, पर जब हमारे पास पैसे नहीं हैं तो हम कहां से लाएं। हमारे पास पैसे छापने की मशीन तो नहीं है। फिर भी मैं महानगरपालिका आयुक्त अजोय मेहता से बात करके बोनस देने की मांग करूंगा।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष बेस्ट उपक्रम ने अपने कर्मचारियों को साढ़े पांच हजार सानुग्रह अनुदान (बोनस) दिया था। इसके लिए बीएमसी ने बेस्ट को 35 करोड़ रुपए दिए थे। बाद में प्रशासन ने प्रति महीने 500 रुपए के हिसाब से कर्मचारियों के वेतन से काट लिया गया।
बेस्ट उपक्रम में 41 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। 35 हजार कर्मचारी परिवहन विभाग में और 6 हजार कर्मचारी विद्युत विभाग में कार्यरत हैं। ऐसे में अगर बोनस देना कहते हैं तो उन्हें 22 करोड़ रुपए का प्रावधान करना पड़ेगा। 

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