पूर्व नगरसेविका मीना सौंडे ने अपने जेबखर्च से ३० से ४० फीट गहरा गड्ढा हज़ारों डंपर मिट्टी, डेब्रिज़ से भरकर बनाया बच्चों के लिए खेल का मैदान।
उल्हासनगर - गत १७ सालों से पूर्व नगरसेविका मीना सोंडे के अथक प्रयास और पालिका प्रशासन के खिलाफ उच्च न्यायालय की लड़ाई लड़ने के बाद अब प्लेग्राउंड बनाने के लिए सफलता प्राप्त की है।
ज्ञात हो कि उल्हासनगर कैंप नम्बर ५ स्थित कैलाश कॉलोनी चौक से काली माता मंदिर बीच कुर्ला कैंप रोड पर एक खाली प्लॉट है जिसका नम्बर ६३१ है और उसका एरिया तकरीबन 1 एकड़ बताया जाता है वह खुला प्लॉट है। यह प्लॉट ३० से ४० फ़ीट गड्ढे में था। स्थानीय नगरसेविका पूर्व नगरसेविका मीना सोंडे ने इस प्लॉट को बच्चों के लिए खेल का मैदान बनाने का ठान लिया था। इस प्लॉट के बारे में महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण और उल्हासनगर मनपा द्वारा अलग अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। फिर भी पूर्व नगरसेविका मीना सोंडे ने हार नहीं मानी थी। उन्होंने अपनी कोशिश जारी रखी थी।इस खाली पड़े प्लॉट का गड्ढा ईमारत बनाते या तोड़ते समय बचा मलबा यानेकी डेब्रिज़ से भर दिया गया है। पूर्व नगरसेविका मीना सोंडे ने इस प्लॉट के बारे में
महराष्ट्र जीवन प्राधीकरण प्रशासन से पत्रव्यवहार करके वह प्लॉट (नम्बर ६३१) सरकार से उल्हासनगर महानगर पालिका को हस्तांतरित कर दिया साथ ही उक्त प्लॉट पर बच्चों को खेलने के लिए स्पोर्ट्स ग्राउंड बनाया जाने वाला है। पूर्व नगरसेविका मीना सोंडे ने उल्हासनगर महानगर पालिका की आमसभा में इस प्लॉट पर स्पोर्ट्स ग्राउंड बनाने के लिए मांग भी की थी। डेवलपमेंट प्लान में फ़ेरबदल कर इस प्लॉट पर खेल के मैदान के लिए आरक्षित किया गया है ऐसी जानकारी उल्हासनगर महानगर पालिका की स्थानीय पूर्व नगरसेविका श्रीमती मीना सोंडे ने दी।
इस प्लॉट पर स्थानीय नागरिकों, उमनपा स्वछताकर्मियों द्वारा सफाई अभियान भी किया गया था। लाल मिट्टी का भराव डालकर बच्चों के लिये स्पोर्ट्स ग्राउंड बनाया जाएगा। साथ ही ठाणे ज़िला के पालकमंत्री और पालिका आयुक्त को पत्र लिखकर इस प्लॉट पर खेल मैदान बनाने के लिए १ करोड़ ५० लाख रुपये निधी फंड की मांग की गयी है ताकि उक्त खाली जगह पर बच्चों को खेलने के लिये स्पोर्ट्स ग्राउंड बनाया जाए। आनेवाले समय में कैंप नम्बर ५ के रहिवासियों को एक खेल का मैदान मिल सके ऐसा पूर्व नगरसेविका सोंडे ने बताया।
नगरसेविका मीना सोंडे द्वारा इस के पहले भी एक ओपन प्लॉट के लिए पालिका प्रशासन के साथ उच्च न्यायालय तक लड़ाई लड़कर उस प्लॉट को ऑक्सी पार्क बनाने के लिए सफलता प्राप्त की है जिससे इस प्लॉट पर आज भी बहुत से बच्चे खेलते हैं और आनंद महसूस करते है।