उल्हासनगर व्यापारियों के वर्चस्व की लड़ाई में फेडरेशन ऑफ सिंधुनगर व्यापारी एसोसिएशन ने कसी कमर ।


उल्हासनगर (आनंद कुमार शर्मा)

उल्हासनगर शहर का नाम पूरे राज्य, देश और विदेशों में व्यापार के लिए जाना जाता है। यहाँ के व्यापारी बोहोत काम मुनाफे पर धंदा करते है जिस के कारन काफी जगहों से लोग यहाँ ख़रीदारी करने आते है।

उल्हासनगर शहर में ज्यादातर बाजार और व्यापार ही दिखता है, कैम्प क्रमांक २ का गजानंद मार्किट पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है। शहर में फर्नीचर बाजार, प्रेस बाजार, ज़वेरी बाजार, गाउन मार्किट, जीन्स उद्योग, होसरी कारखाने, गोली बिस्किट के कारखाने, प्लास्टिक उद्योग और कई छोटे और मध्यम उद्योग तथा उनके ट्रेड व्यापारी पिछले ३ महीनों से लॉकडाउन के चलते घर पर है, उनकी आमदनी शून्य है लेकिन सारे खर्चा लागू है। दुकान का भाड़ा, बिजली बिल, हाउस टैक्स, कारीगरों और काम करने वालों की पगार, साथ ही खुद के परिवार का खर्चा भी चलाना अब मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे छोटे और माध्यम वर्गीय दुकानदारों और व्यापारियों के विकट परिस्थितियों को देखते हुए फेडरेशन ऑफ सिंधुनगर व्यापारी एसोसिएशन और उनके सारे सदस्यों ने मिलकर मनपा प्रशाशन और राज्य सरकार से गुहार लगाई है कि व्यापारी और दुकानदारों को कुछ राहत या तो व्यापार करने के लिए दे या फिर उनके सारे खर्च चलाने के लिए आर्थिक मदद के पैकेज की घोषणा करें।

कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए किए गए पहले लॉकडाउन से लेकर चौथे लॉकडाउन तक बढ़ाने से व्यापारी परेशान और डिप्रेशन मैं आ गए है। फेडरेशन के अध्यक्ष नरेश दुर्गानी और उनके सदस्यों का कहना है कि आज जिस प्रकार सरकार ने ऐमेज़ॉन, फिल्पकार्ट, जोमेटो आदि व्यवसाइयों को ऑनलाइन ऑर्डर लेकर होम या स्पॉट डिलीवरी करने की अनुमति दी है उसी प्रकार शहर के व्यापारियों को भी सरकार होम डिलीवरी या स्पॉट डिलीवरी करने की अनुमती दे।

आईए सुनते है क्या है कहना उल्हासनगर फेडरेशन ऑफ सिंधुनगर व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष - नरेश दुर्गानी का।


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