आम जनता और सामान्य रोग के मरीजों को हो रहीं हैं परेशानियां।

उल्हासनगर :
कोरोना की पृष्ठभूमि पर महाराष्ट्र बंद होने के बाद, शहर के ज्यादातर निजी अस्पताल और निजी क्लिनिक आम जनता के लिए बंद हो गए हैं और इसलिए सामान्य रोगियों को असुविधा हो रहीं हैं और उन्हें परेशानियों का सामना करना पढ़ रहा है।
कोरोना के प्रकोप से लोगों को बचाने के लिए काफी सारे डॉक्टर दिन रात प्रयासों में लगे हैं, लोगों की सेवा में लगे हैं जहां एक और उनके इस कार्य की सराहना पूरा शहर पूरा देश कर रहा है वहीं दूसरी ओर कुछ निजी हॉस्पिटल या निजी क्लीनिक के डॉक्टर अपनी मनमानी कर अपना स्वार्थ साध्य कर रहे है।
हर वर्ष मार्च और अप्रैल के महीने में टाइफाइड के बीमारी, मौसम बदलने से एलर्जी के तकलीफ जैसे सर्दी, खाँसी सिरदर्द के मिरिज़ो की संख्या ज्यादा होती है साथ ही जोंडिस और मिर्गी के मरीज ज्यादा देखे गए है। लेकिन आज की परिस्थितियों में गत वर्षों के आकलन से लोगों को तकलीफ़ हो रही है किन्तु शहर में निजी क्लीनिक और निजीअस्पताल में ओपीडी बंद होने के कारण मरीजों को असुविधा हो रही है और मरीज भी कोरोना के भय के कारण सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टरों के पास जाने से भी कतरा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि वे निजी डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द करने की कार्यवाही तत्काल शुरू करें, जिन्होंने डिस्पेंसरियां और निजी हॉस्पिटलों में ओपीडी शुरू नहीं की हैं।
अतिआवश्यक सेवाओं में जहां डॉक्टर और अस्पतालों को सरकार द्वारा लॉकडाउन से दूर रखा गया है ताकि वह लोगों की सामान्य बीमारियों का इलाज किया जा सके, लेकिन
निजी डॉक्टर और अस्पताल इन निर्देशों का पालन नहीं कर रहें हैं, जिससे रोगियों को काफी असुविधा हो रही है।  वहीं दूसरी तरफ सामान्य बीमारियों के रोगी मेडिकल की दुकान पर जाकर अपनी तकलीफ बता कर मेडिकल से बिना डॉक्टर की पर्ची दवाइयां लेने को मजबूर हैं जिसका उनके स्वास्थ्य पर दुष्परिणाम भी हो सकता है, अगर ऐसा हुआ तो इसकी जवाबदारी कौन लेगा,
क्या स्वास्थ्य विभाग इसकी जवाबदारी लेगा ?
क्या निजी हॉस्पिटल या निजी डॉक्टर इसकी जवाबदारी लेगा ?
क्या मेडिकल जिसने बिना डॉक्टर की पर्ची के दवाइयां दी वो जवाबदारी लेगा ?
जवाब सीधा से है कि कोई भी जवाबदेही नही लगा खुद रोगी जिसे कोई सुविधा नहीं मिल पा रही वह खुद जिम्मेदार है।
आज की तारीख में जो निजी क्लीनिक है और निजी अस्पताल है वह सेवा प्रदान करने में असमर्थता दिखा रहे हैं जिसके कारण काफी लोग सरकारी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं हैं जहां उनको सुविधाएं प्राप्त नहीं हो रही आज आप  सरकारी हॉस्पिटल में जाकर देखेंगे तो वहां खाने के बात तो दूर की है पानी पीने की भी सुविधा उपलब्ध नहीं है।
शहर में जो निजी क्लीनिक चालू भी है उस क्लीनिक के डॉ मरीजों से मनमानी फीस या नॉर्मल से ज्यादा फीस वसूल कर रहे हैं थोड़ी सी तकलीफ होने पर पेशेंट को डरा कर उनको या उनके परिवार वालों को कोरोना का खौफ़ दिखा कर मोटी कमाई कर रहे है।
*मौजूदा युद्ध जैसी स्थिति को देखते हुए, निजी अस्पतालों, क्लिनिक को तुरंत अपनी सेवाएं शुरू करने की आवश्यकता है,  कृपया महानगर पालिका प्रशासन स्वास्थ्य विभाग और सरकार इसकी तरफ ध्यान दें और जो नीजी डॉक्टर इस आदेश की अवमानना कर रहा है उसका लाइसेंस रद्द करें।*

Post a Comment

[facebook][blogger]

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget