उल्हासनगर:
उल्हासनगर कैंप 2 स्थित लक्ष्मी गोल्ड ज्वेलर्स में 24 जनवरी 2025 की रात हुई धोखाधड़ी की घटना ने स्थानीय बाजार और नागरिकों को चौंका दिया है। सोनार महेश पहूजा ने आरोप लगाया है कि उन्होंने डिजाइन आभूषण दिखाने के लिए नगद नहीं, बल्कि सवा किलो सोना और डिजाइन दिए थे, जिसे वापस नहीं किया गया, न मुल्य की अदायगी हुई।
२४/०१/२०२५ को उल्हासनगर कैंप 2 के सीरू चौक स्थित लक्ष्मी गोल्ड के ख़िलाफ़ महेश पहूजा (सोनार और गहना निर्माण/विक्रय व्यवसायी) ने आरोप किया कि लक्ष्मी गोल्ड ज्वेलर्स के मालिक परिवार— हेमंत वलेचा, प्रदीप वलेचा, हरेश वलेचा (तीनों सीधे दुकान और परिवार से जुड़े), लगभग आधा किलो वजन की चूड़ियाँ दिखाने के बाद सवा किलो सोना लौटाने में ग़लतफहमी नहीं बल्कि धोखाधड़ी की आशंका; न सिर्फ सोना वापस न किया गया, बल्कि रकम का भी हिसाब नहीं किया गया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी हेमंत वलेचा को आधारवाड़ी जेल से हिरासत में लेकर अदालत में पेश किया गया; अदालत ने 3 दिनों की पुलिस हिरासत मंजूर की। उल्हासनगर पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी (ठगी) का मामला दर्ज किया।
जुलाई महीने में सेंट्रल पुलिस स्टेशन पर भी इसी परिवार के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपों का रिकॉर्ड बताया गया, जिसमें तोलानी नामक शिकायत शामिल है आगे की कार्रवाई और संदिग्ध पहलू पुलिस हिरासत में रिमांड पर पूछताछ और गहन खोजबीन जारी है।

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