उल्हासनगर में ३५० साल पुरानी मूर्ति माता के मंदिर में : जगदीश तेजवानी।

 



      उल्हासनगर के लिये गौरव की बात हैं कि जय दुर्गा भवानी मंदिर उल्हासनगर ४  में जो माता विराजमान हैं वह प्राचीन मूर्ति लगभग ३५० साल पुरानी हैं मंदिर के मुख्य अनिल साईं व राजन साईं हैं पारिवारिक मित्र व उल्हासनगर व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश तेजवानी ने विस्तार से बताते हुए कहा कि इस मंदिर की स्थापना अखंड भारत के विभाजन के बाद उल्हासनगर में हुईं इससे पहले यह मूर्ति शिकारपुर में मंदिर में स्थापित थी (जो अखंड भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान का हिस्से में आया ) ।

साईं टीकमदास साहब पाकिस्तान बनने के बाद उल्हासनगर आये अभी भी पाकिस्तान में शिकारपुर में उनका मंदिर हैं जो उनके भक्त संभालते हैं अनिल साईं व राजन साईं ग्यारहवीं पीढ़ी माता की सेवा करती आ रही हैं।

अनिल साईं - राजन साईं के पहले योगेंद्र साईं उनके पहले टीकमदास साईं उनके पहले मेंघराज साईं.. ओचीराम साईं ... माता की सेवा करते आये हैं यहाँ जो भक्त दर्शन के लिये आते हैं कईयों की मन्नत पूरी हुईं हैं विशेष रूप से नवरात्रों में यहाँ भक्तों का मेला लगा रहता हैं ऐसा मंदिर के मुख्य सेवादारी राजा तेलानी ने बताया दूर दूर से भक्त दर्शन के लिये आते हैं औऱ मन की मुरादे पाते हैं इस मंदिर के अनिल साईं - राजन साईं प्राचीन चंद्रवंशी के वंशज हैं।



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