*एक शाम सालासर बालाजी धणी के नाम* - उमड़े हजारों लोग





उल्हासनगर - (आनंद कुमार शर्मा)

 उल्हासनगर कैम्प 1 मुरबाड रोड़ स्तिथ विश्राम भवन मैं पहली बार राजस्थान के सालसर धाम के सालासर बालाजी महाराज का पवन भक्तिमय कार्यक्रम का आयोजन खूब धूमधाम से किया गया।
कार्यक्रम की सुरुवात अखंड ज्योत और सुन्दरकाण्ड पाठ से हुई जो शाम होते होते भजनों की गंगा में बह गई। मधुर संगीतमय गुणगान श्री विजय सोनी एवम श्रीमति स्वाति अग्रवाल कलकत्ता से आकर यहाँ उपस्थित लोगों को मन्त्रमुग्ध कर दिए। भगवान की झांकी देख औऱ सजावट देख कर आये हुए सभी गणमान्य लोगों ने सारे अयाजोको की प्रशंसा की। कलाकारों के अनेक प्रस्तुतियों को वहां श्रोताओं ने खूब सराहा और अनेक भजनों पर भक्तगण झूम उठे। थारे ढोल नगाड़ा बाजे रे, सालासर के मंदिर में हनुमान विराजे रे भजन पर तो सैकड़ो श्रोताओं ने अपने अपने स्थान पर खड़े होकर नाचते हुए तालियों के साथ जमकर इस भजन का लुफ्त उठाया।

मोनी अमावस्या के अगले दिन शनिवार को एक शाम सालासर बालाजी धणी के नाम से नया साल सालासर बालाजी के साथ करने के आव्हान और दरबार लगाने का जिम्मा पहली बार उल्हासनगर , शहाड और कल्याण के राजस्थानी समाज के नवयुवकों ने निर्णायक फैसला लिया और उसे बोहोत ही अच्छी तरह कार्यक्रम का आयोजन कर खूबसूरती से निर्वाह भी किया। किसी व्यक्ति विशेष का नाम आगे न लाते हु सभी नौजवान युवाओं ने एकमत होके कार्यक्रम पूर्णतः श्री सालासर बालाजी महाराज को ही समर्पित किया। सबका बोलना था कि दरबार लगाने आये है सालासर  धाम से खुद श्री बालाजी महाराज।

इस उत्सव तकरीबन २५००-३००० भक्तों ने भजनों का आनंद लिया और  समापन पर हनुमान चालीसा, हनुमानाष्टक और उपस्थित हजारों लोगों ने एक स्वर में हनुमानजी की वंदना, बालाजी महाराज की आरती और जयघोषों के नारे लगाए तो पूरा वातावरण भकक्तिमय हो गया।
कार्यक्रम में स्वादिष्ट महाप्रसादी भोजन का लाभ आये सभी भक्तों ने ग्रहण किया जिसके उपरांत सभी बालाजी के भक्तों को छप्पन भोग, फल, मिठाइयां,  आदि वितरित किया गया ।

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