उल्हासनगर:
उल्हासनगर महापालिका चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सत्ता समीकरण में अहम भूमिका निभाने वाले साई पक्ष को लेकर बयानबाजी और बैठकों का दौर शुरू हो गया है।
पिछली महापालिका में साई पक्ष जिस दल के साथ खड़ा हुआ, सत्ता उसी की झोली में गई थी। हालांकि हाल ही में इसके कई नगरसेवक भाजपा में शामिल हो चुके हैं, इसके बावजूद साई पक्ष का हर वार्ड में सिंधी और मराठी मतों पर मजबूत जनाधार है।
इसी पृष्ठभूमि में शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने गंगाजल स्थित कार्यालय में साई पक्ष प्रमुख जीवन इदनानी से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में आगामी महापालिका चुनाव में गठबंधन की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। साई पक्ष के पदाधिकारियों ने इस पर सकारात्मक संकेत दिए हैं।
इसके साथ ही उल्हासनगर की राजनीति में साई पक्ष, शिवसेना और टीओके की त्रिसूत्री गठबंधन की आहट सुनाई दे रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह गठबंधन सच हुआ, तो भाजपा को एक बार फिर उल्हासनगर महापालिका की सत्ता से दूर रहना पड़ सकता है।
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