उल्हासनगर –
आगामी उल्हासनगर महानगरपालिका चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इस बीच शिवसेना (शिंदे गुट) और टीओके (ओमी कालानी) की दोस्ती एक बार फिर सुर्खियों में है। पहले भी खासदार चुनाव में इस गठबंधन की ताक़त देखने को मिली थी, जब डॉ. श्रीकांत शिंदे ने उल्हासनगर से भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी।
खासदार चुनाव के दौरान ओमी कालानी और उनके टीओके गुट के मज़बूत सहयोग ने डॉ. शिंदे को निर्णायक बढ़त दिलाई थी। तब से दोनों गुटों के बीच विश्वास और राजनीतिक तालमेल और मजबूत हुआ है।
स्थानीय राजनीतिक सूत्रों का मानना है कि यदि आगामी महानगरपालिका चुनाव में शिवसेना (शिंदे गुट) और टीओके एकजुट होकर उतरते हैं, तो यह गठबंधन भाजपा, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस और मनसे के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह गठबंधन सिर्फ चुनावी समझौता नहीं, बल्कि आपसी रिश्तों, विश्वास और लंबे समय से बने सहयोग का परिणाम है।
अब उल्हासनगर की जनता की नज़रें इस बात पर टिकी हैं कि यह दोस्ती चुनावी मैदान में कितनी मजबूती से कायम रहती है और चुनावी गणित को किस दिशा में मोड़ती है।
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