सिंधी साहित्य अकेडमी फिर से भंग।

 


उल्हासनगर:


महाराष्ट्र राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडनविस् द्वारा कुछ वर्ष उपरांत सिंधी साहित्य अकादमी का गठन किया था, अकेडमी सुचारु रूप से कार्य कर रही थी, श्री गुरुमुख जगवानी जी जिसके उपाध्यक्ष थे, अचानक महाराष्ट्र राज्य में सत्ता परिवरतन हुआ। पूर्व मुख्य मंत्री श्री उधव ठाकरे जी ने अपने कार्य काल के अंतिम समय में इसका पुनर्गठन किया था। फिर सत्ता पलटी फिर से सिंधी साहित्य अकेडमी सहित १४ समितियों को वर्तमान मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे जी ने बरखवास्त किया गया है। अब फिर सिंधी अकेडमी के आस्तव पर प्रशनचिन्ह लग गया है, एक तो अकेडमी की बजट कम होने से सिंधी भाषा का प्रचार प्रसार उसकी संस्कृति और साहित्य का विकास नही हो पा रहा है। अकेडमी में सिंधी संस्कृति  और साहित्य के जानकारों को कम और राजनैतिक लोगो का चयन समिति में ज्यादा हो रहा है। जानकारी के अभाव में काम नही हो पाता। जय झूलेलाल संघर्ष सेवा समिति माननीय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी से गुजारिश करती है कि जल्द से जल्द इसका गठन हो और योग्य जानकार लोगो का समिति मे चयन हो।




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