कल्याण–
कल्याण-डोंबिवली महानगर पालिका (केडीएमसी) की शिक्षण नीति और प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र को ठेकेदार के हवाले किए जाने के विरोध में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने बुधवार को अनोखा आंदोलन किया। विधानसभा सह-संयोजक रूपेश भोईर के नेतृत्व में शहर में ‘भीख मांगो आंदोलन’ किया गया, जिसमें सैकड़ों नागरिकों और छात्रों ने भाग लिया।
कार्यकर्ताओं और छात्रों ने आम नागरिकों से प्रतीकात्मक रूप से भीख जुटाई और मनपा के भ्रष्टाचार व लापरवाही का विरोध दर्ज कराया। एकत्र किए गए सैकड़ों रुपये बाद में मनपा के फंड में जमा कराए गए।
भोईर ने पत्रकारों से कहा कि 2010 में सहजानंद चौक पर स्वर्गीय सांसद प्रकाश परांजपे प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गई थी। यहाँ आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को नाममात्र की फीस में पुस्तकें व मार्गदर्शन उपलब्ध था। लेकिन हाल ही में मनपा ने यह केंद्र एक ठेकेदार को सौंप दिया। अब ठेकेदार द्वारा मनमाने ढंग से अधिक फीस वसूली जा रही है, साथ ही बैठने, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है।
भोईर ने बताया कि छात्रों के भविष्य की चिंता में एक माह पहले ही मनपा को ठेकेदार को हटाने की मांग पत्र सौंपा गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी के चलते यह बड़ा आंदोलन छेड़ना पड़ा।
भीख मांगो आंदोलन के बाद जब मनपा प्रशासन ने लिखित आश्वासन देने से इनकार किया, तो भोईर ने अतिरिक्त आयुक्त कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थिति बिगड़ती देख मनपा अधिकारी दबाव में आ गए और आखिरकार ठेकेदार को काम रोकने का आदेश देने का पत्र जारी किया।
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