उल्हासनगर—
जमानत मिलने के बाद हिंसा और धमकी के दो गंभीर मामलों में आरोपीयों द्वारा जुलूस निकालने और पटाखे फोड़ने का मामला तूल पकड़ गया है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपीयों के खिलाफ नया मामला दर्ज किया है।
27 अप्रैल की रात उल्हासनगर के कॅम्प 2 रमाबाई टेकड़ी क्षेत्र में बड़ा गड़बड़झाला हुआ। हंशू बिपिन झा और बिट्टू सिताराम यादव ने घर का दरवाजा जोर से पीटा। अंदर जाने पर, उन्होंने घर के अंदर मौजूद युवक को बिना किसी कारण के गाली-गलौच कर थप्पड़ मारे।
इसके बाद, शिकायत करने पर, आरोपी हंशू बिपिन झा, उनके भाई रोहित झा और सोनमणी झा ने धारदार हथियार लेकर घर में घुसकर घर के बाहर गड़बड़ी मचाई। घर में मौजूद युवतियों के साथ बलात्कार और विनयभंग का मामला भी दर्ज हुआ। इलाके के नागरिकों ने संत्रस्त होकर आरोपियों की पिटाई की।
इन दोनों आरोपियों को कोर्ट ने जमानत दी। जमानत मिलने के बाद, दिवाकर यादव ने 16 जुलाई और रोहित झा ने 17 जुलाई को जुलूस निकाला। खास बात यह है कि, रोहित झा ने उन युवतियों के घर के सामने ही जुलूस निकाला जिनके साथ बलात्कार का मामला दर्ज हुआ था। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद पुलिस ने आरोपीयों के खिलाफ फिर से कार्रवाई की।
पुलिस ने आरोपी साजिशकर्ता संजय सुरडकर और दिवाकर यादव को गिरफ्तार किया। पुलिस उपायुक्त अमोल कोळी और वरिष्ठ निरीक्षक विष्णु ताम्हाणे के नेतृत्व में पुलिस टीम ने रमाबाई आंबेडकर परिसर में कार्रवाई की।
जमानत के बाद फिर से अपराध करने के कारण, आरोपीयों का जमानत रद्द करने के लिए संबंधित कोर्ट में रिपोर्ट दी गई है।
यह मामला उल्हासनगर में न्याय व्यवस्था और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता को दर्शाता है। पुलिस अब भी आरोपीयों की तलाश कर रही है और अपराधियों को कठोर सजा दिलाने का प्रयास कर रही है।
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