पिपल का झाड़ गिरने से हो सकता है हादसा जा सकती है जान।


आनंद कुमार शर्मा (उल्हासनगर) : 

पुराने लोग बोलते थे, सरकारी काम काज है बाबू चक्कर तो लगाना पड़ेगा....!!

कुछ इसी प्रकार का किस्सा सामने आ रहा है उल्हासनगर कैम्प क्रमांक १, साधुबेला स्कूल के पिछे स्तिथ बैरक क्रमांक १२७ के रहवासियों के लिए। 

यहाँ सालों पुराण विशालकाय पिपल का झाड़ पूरी तरह से सुख गया है और बैरक के घरों के मध्य में स्तिथ है, जहाँ आये दिन सूखे हुए पिपल के झाड़ की डलियां लोगो के घरों पर, पत्रों पर और कभी कभी राह चलते इंसानों के सिर पर गिर जाती है, जिससे बैरक के रहवासियों के पतरे टूट रहे है औऱ राहगीरों को चोटें आती है। 

यहाँ के रहवासियों ने अनेक बार प्रशासन से शिकायतें की है कि इस झाड़ को काटा जाएं अन्यथा कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है और किसी की जान भी जा सकती है। 

रहवासियों का कहना है कि वार्ड अधिकारी बोलते है कि अग्निशमन दल का काम है उनके पास जाओ, वहाँ जाने पर अग्निशमन के अधिकारी बोलते है नए ठहराव के कारण हम कुछ नही कर सकते, वन विभाग किसके पास है, कोन लेगा जिम्मेदारी किसीको नही पता और पैनल के चारों नगरसेवकों से यहाँ के रहवासियों को कोई उम्मीद नही है। पिछले २ महीनों से इसी तरह चक्कर काटने को मजबूर है यहाँ के लोग जिनके ऊपर कभी भी झाड़ गिरने का तथा जान का खतरा बना हुआ है। 

आइए देखते है यहाँ के लोगों का क्या है कहना।









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