उल्हासनगर (आनंद कुमार शर्मा)
सरकार के आदेश और दिशानिर्देश अनुसार पर-प्रांतियो और अप्रवासी मजदूरों के अपने अपने मूल निवास स्थान - गांव जाने के लिए पिछले २-३ दिनों से शहर में अफरा तफरी का माहौल देखा गया है।
वैश्विक नॉवल कोरोना संक्रमण के प्रकोप की रोकथाम के लिए पूरे देश मे लॉकडाउन - कर्फ्यू लागु है। पिछले ४५ दिनों से बिना कमाई के पर-प्रान्ती दिहाड़ी मजदूरों और कारीगरों की माली हालत गंभीर होने औऱ रोजगार की समस्याओं के मद्देनजर सरकार ने सबकों अपने अपने मूल निवास स्थान उनके पैतृक गांव जाने के लिए कई दिशानिर्देशों के तहत फॉर्म भरने और मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए हजारों की तादाद में लोग यहाँ वहाँ भटकने लगें थे, जिससे संक्रमण और ज्यादा फैलने का डर बना हुआ है।
ऐसी स्थिति को देखते हुए उल्हासनगर ट्रेड एसोसिएशन और जीन्स व्यापारी एसोसिएशन उल्हासनगर-५ कि तरफ से दिनेश लेहरानी और राजु दुर्गिया ने अलग अलग कारखानों में काम करने वाले कारीगरों को अफरा-तफरी ना करने, किसी के बहकावे में ना आने की तथा आपस मे शांति और सयम बनाए रखने का आव्हान किया है। दिनेश लेहरानी जी का कहना है कि सबको गांव भेजा जाऐगा, अपने परिवारों के पास कारीगर सकुशल पहुँच जाएं इसमें टी.ओ.के. की पूरी टीम लगी है। मजदूरों और कारीगरों से कानून का पालन करने, पुलिस प्रशासन ओर महानगरपालिका का सयोग करें, कारीगरों की तादाद बोहोत ज्यादा होने के कारन थोड़ी दिक्कत आरही है लेकिन सरकार पूरी सायहता करने मे लगी है। सावधानी और सयम से काम ले वार्ना अगर किसी कारीगर को संक्रमण हुआ तो बड़ी समस्या हो सकती है।
प्रशासन ने रास्तों पर मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए भटकते लोगों को और डॉक्टर तथा हॉस्पिटलों के बाहर लंबी लंबी कतार बिना सोशल डिस्टनसिंग का पालन करते देख, अब मेडिकल प्रमाणपत्र नही लेने का फैसला किया है। अब सिर्फ पुलिस के पास जिन लोगों ने फॉर्म भरा है उनको गांव रवाना करने से पहले सरकार और प्रशासन द्वारा मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी।
सुनते है कारीगरों से क्या आव्हान किया है उल्हासनगर ट्रेड एसोसिएशन के दिनेश लेहरानी और राजु दुर्गिया ने।
सरकार के आदेश और दिशानिर्देश अनुसार पर-प्रांतियो और अप्रवासी मजदूरों के अपने अपने मूल निवास स्थान - गांव जाने के लिए पिछले २-३ दिनों से शहर में अफरा तफरी का माहौल देखा गया है।
वैश्विक नॉवल कोरोना संक्रमण के प्रकोप की रोकथाम के लिए पूरे देश मे लॉकडाउन - कर्फ्यू लागु है। पिछले ४५ दिनों से बिना कमाई के पर-प्रान्ती दिहाड़ी मजदूरों और कारीगरों की माली हालत गंभीर होने औऱ रोजगार की समस्याओं के मद्देनजर सरकार ने सबकों अपने अपने मूल निवास स्थान उनके पैतृक गांव जाने के लिए कई दिशानिर्देशों के तहत फॉर्म भरने और मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए हजारों की तादाद में लोग यहाँ वहाँ भटकने लगें थे, जिससे संक्रमण और ज्यादा फैलने का डर बना हुआ है।
ऐसी स्थिति को देखते हुए उल्हासनगर ट्रेड एसोसिएशन और जीन्स व्यापारी एसोसिएशन उल्हासनगर-५ कि तरफ से दिनेश लेहरानी और राजु दुर्गिया ने अलग अलग कारखानों में काम करने वाले कारीगरों को अफरा-तफरी ना करने, किसी के बहकावे में ना आने की तथा आपस मे शांति और सयम बनाए रखने का आव्हान किया है। दिनेश लेहरानी जी का कहना है कि सबको गांव भेजा जाऐगा, अपने परिवारों के पास कारीगर सकुशल पहुँच जाएं इसमें टी.ओ.के. की पूरी टीम लगी है। मजदूरों और कारीगरों से कानून का पालन करने, पुलिस प्रशासन ओर महानगरपालिका का सयोग करें, कारीगरों की तादाद बोहोत ज्यादा होने के कारन थोड़ी दिक्कत आरही है लेकिन सरकार पूरी सायहता करने मे लगी है। सावधानी और सयम से काम ले वार्ना अगर किसी कारीगर को संक्रमण हुआ तो बड़ी समस्या हो सकती है।
प्रशासन ने रास्तों पर मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए भटकते लोगों को और डॉक्टर तथा हॉस्पिटलों के बाहर लंबी लंबी कतार बिना सोशल डिस्टनसिंग का पालन करते देख, अब मेडिकल प्रमाणपत्र नही लेने का फैसला किया है। अब सिर्फ पुलिस के पास जिन लोगों ने फॉर्म भरा है उनको गांव रवाना करने से पहले सरकार और प्रशासन द्वारा मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी।
सुनते है कारीगरों से क्या आव्हान किया है उल्हासनगर ट्रेड एसोसिएशन के दिनेश लेहरानी और राजु दुर्गिया ने।
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