हिंदुस्तान के लोकतंत्र में चौथे स्तंभ - मीडिया को दबाने की कोशिश।

 



  आनंद कुमार शर्मा:

           मुम्बई में बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या करने की घटना से सुरु हुआ महाराष्ट्र सरकार का विवाद अब महाराष्ट्र के रायगढ़ जिल्हे स्तिथ अलीबाग के अन्वय नाइक की आत्महत्या के मामले तक जा पहुचा है। 

सुशांत सिंह मामले में सम्पूर्ण मिडिया कवरेज करने वाले तथा महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री और उनके सहयोगियों को खुली चुनोतियाँ देने वाले राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल रिपब्लिक भारत और उसके संपादक अर्णव गोस्वामी कि मुश्किलें महाराष्ट्र सरकार बढ़ाने की कोई कसर नहीं छोड़ रही। 

बुधवार ४ नवंबर की सुबह से ही पुरे न्यूज़ चैनल और सोशल मीडिया पर रिपब्लिक भारत के संपादक की उनके घर से जबरन गिरफ्तारी और उनके साथ पुलिस द्वारा की गई मारपीट का वीडियो वायरल होने के साथ सरकार द्वारा बदले की भावना से जबरन कार्यवाही की खबरों ने हिंदुस्तान के लोकतंत्र के चौथे स्तंभ - मिडिया को दबाने की कोशिश से देखा जा रहा है। इस घटना का पूरे देश मे जमकर विरोध हो रहा है और महाराष्ट्र की शिवसेना - कांग्रेस सरकार की निंदा हो रही है। 

सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र में इमरजेंसी जैसे हालात होने की खबरों ने तूल पकड़ा है। १९७७ में आपातकाल खत्म हुआ पर मानसिकता नही, उस समय आपातकाल समर्थन करने वाली कांग्रेस सरकार आज शिवसेना के साथ महाराष्ट्र में सरकार विरोधी आवाज को कुचलने के प्रयास लोकतांत्रिक हत्या समान है।

उल्हासनगर में भाजपा ने महाराष्ट्र शिवसेना - कांग्रेस सरकार के खिलाफ कैम्प क्रमांक ३ स्तिथ शिवजी चौक पर और उल्हासनगर महानगरपालिका परिसर में गांधीजी के स्मारक पर अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन किया और सरकार की तानाशाही और सत्ता के आतंक का जमकर आलोचना करते हुए निषेद प्रदर्शन किया और सोनिया - ठाकरे सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाएं। 






आइए जानते है क्या कहना है अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों का.....

"मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर जो हमला हुआ है वह निंदनीय है। यह इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं।" - प्रकाश जावड़ेकर, सूचना एवं प्रसारण मंत्री, भारत

अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी एक मामले में की गई जिसमें कुछ साल पहले एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई थी। अगर पुलिस फिर से केस खोलती भी है तो भी गिरफ्तारी पूरी तरह गलत है : महेश जेठमलानी, वरिष्ठ वकील

आज जो अर्नब गोस्वामी के साथ हुआ वो कल आप के साथ भी हो सकता है ..यदि आप असत्य के ख़िलाफ़ आवाज़ नहीं उठाते!! - *संबित पात्रा

आप किसी से सहमत या सहमत हो सकते हैं लेकिन पुलिस भेज कर जबरन घर में घुसकर मारपीट नहीं कर सकते, अर्णब का क़सूर सवाल पूछना है तो सभी पत्रकारों को जेल में डाल दोगे ? 

महाराष्ट्र में इमरजेंसी का स्वागत हैं ? - विकास भदौरिया

अर्णब के साथ किया गया व्यवहार पूर्णत निंदनीय है। प्रजातंत्र में मतभेद होते है लेकिन सरकार अगर इसका बदला निकालेगी तो फिर लोकतंत्र कमजोर होगा। जो केस मुंबई पुलिस ने डाला है लीगली वो शायद ही कोर्ट में टिक पाएगा। रिपब्लिक के मुताबिक़ उन्हें २०१८ के एक केस के मामले में फँसाया जा रहा है: - दीपक चौरसिया

This is emergency, अपनी खीज निकालने के लिए, अर्णब की गिरफ़्तारी हुई, ये मुंबई पुलिस की गुंडागर्दी है, घर में घुसकर मारपीट करना, ये भारत के हरेक पत्रकार पर हमला है। -: निधि Vasandan















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