आशा सेविकाओं को नहीं मिल रहा उनका मानधन, सिर्फ वादों और कागजी कार्यवाही पर निकालें ४ महीने।

 


आनंद कुमार शर्मा 

कोरोना काल मे डॉक्टर, नर्स, स्वस्त कर्मी तथा पुलिस व प्रशासन के लोगों के साथ फ्रंट-लाइन, जमीनी स्तर पर घर-घर जाकर अरोग्य जांच करने वाले सही मायने में कोविड योद्धा आशा वर्कर्स से सरकार ने मात्र ₹३०/- प्रतिदिन के हिसाब से काम मई और जून महीनों में करा लिया लेकिन उनको ₹३००/- प्रतिदिन देने का वादा आज अक्टूबर अंत तक पूरा नही किया गया। 

जुलाई महीने से आशा अपने किये हुए कामों का मानधन ₹३००/- प्रतिदिन के हिसाब से ४० दिनों का ₹१२०००/- के लिए सभी नगरसेवकों और प्रशासन के अधिकारियों से गुहार लगा चुकी है लेकिन अभी तक पिछले ४ महीनों से उनको किया हुआ मानधन का वादा मनपा ने पूरा नही किया। 

लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने अपने स्तर पर आशा सेविकाओं के हक़ के लिए कोशिश की है किन्तु शहर में हो रहे राजनीतिक उठापठक के कारण पिछले ४ महीनों से सिर्फ वादे और कागजी कार्यवाही ही हुई है। 

पोलियो लसिकरण मुहिम में भी आशा सेविकाओं से काम कराया गया जहाँ उनको ५ दिनों के मात्र ₹१००/- प्रतिदिन के हिसाब से दिए गए। केंद्र सरकार से पोलियो लसिकरण मुहिम में काम करने वालों को कितना दिया जाता यह सवाल पर बड़ा प्रश्न चिन्ह है। 




इस समय चल रही राज्य सरकार की माझे कुटुंब-माझी जवाबदारी अंतर्गत आशा सेविकाओं से भी काम कराया जा रहा है और पहले टप्पे का काम पूरा होने के बाद अब दूसरे टप्पे में काम खत्म होने को आया लेकिन उन्हें इस योजना के अंतर्गत कितना मानधन मिलेगा औऱ कब मिलेगा इस सवाल पर भी सभी को प्रश्न चिन्ह है। 

मनपा आयुक्त से मिलने पर आशा सेविकाओं को उत्तर मिला कि महानगरपालिका के पास फण्ड नही है जब होगा तब मिलेगा। 

अब इस उत्तर का जवाब क्या समझे...?? 

महासभा में १०/०९/२०२० को भी कोविड १९ में अपनी जान जोखिम में डाल कर घर घर जाके सर्वे करने वाले आशा के ४० दिन के ३००₹ जल्द से जल्द बजट से पेमेंट करने की बात हुई जो अभी तक अधर में है। 

मनपा आयुक्त से यही आग्रह है कि जल्द  से जल्द इन आशाओं का हक इनको मिले इसके लिए विशेष ध्यान दे।






Labels:

Post a Comment

[facebook][blogger]

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget