i ❤️ Ulhasnagar





(उल्हासनगर)

आज शनिवार, ८ अगस्त २०२०, कोरोना काल के लॉकडाउन का १३८ वा दिन।
उल्हासनगर के ७१ वां जन्मदिवस (स्थापना दिवस) के उपलक्ष्य में उल्हासनगर शिलालेख पर पुष्प माला अर्पण करते हुए शहरवासियों को बधाई दी गयी।

कोरोना के इस भयंकर वैश्विक महामारी के प्रकोप से हमारा छोटा सा, प्यारा सा शहर उल्हासनगर भी नही बच पाया।
इन पिछले ५ महीनों में हमारे प्यारे शहर की एक विशेषता रही कि इस मुश्किलों में हमारे शहर के लोग एक दूसरे को संभालते नजर आए।

चंद स्वार्थी, लोभी और अनैतिक लोगों को दरकिनार कर दिया जाए तो हमारे प्यारा शहर उल्हासनगर की अधिकतर जनता परोपकारी है, संस्कारी है और भावनात्मक रूप से एक दूसरे से जुड़ी हुई है, यह इस संकट की समय हमे देखने और सीखने मिला।

हमारे शहर ने इस कोरोना काल मे एक बार फिर देश और दुनिया के समक्ष एकजुटता की मिसाल पेश की है।

हमारा उल्हासनगर शहर ५ कैम्पों में बांटा है, उल्हासनगर १ से उल्हासनगर ५ तक। उल्हासनगर शहर कल्याण और अंबरनाथ के बीच में, लगभग १३ स्क्वायर किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ शहर है।

बोहोत से मायनों में उल्हासनगर आस पड़ोस के शहर और कस्बों से आगे है, पूरे ठाणे जिल्हा में सबसे ज्यादा घनी आबादी वाला शहर उल्हासनगर, ८ अगस्त १९४९ को जन्म हुआ, इसके अनुरूप आज शनिवार ८ अगस्त २०२०, उल्हासनगर का ७१ वा स्थापना दिवस है।

इस गौरवपूर्ण ऐतिहासिक दिन ८ अगस्त को पुरा उल्हासनगर एक साथ कई वर्षो से धूमधाम से उल्हासनगर दिवस के रूप में मनाते आ रहा है।
उल्हासनगर महाराष्ट्र का पहला शहर है जो अपना जन्मदिन मनाता है।

उल्हासनगर के इतिहास पर नजर डालते है....
आजादी के साथ-साथ भारतवर्ष का विभाजन हुआ और पाकिस्तान बन गया। उस समय पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में हिन्दू सिंधियों पर अत्यधिक अत्याचार हुवे और लाखों सिन्धी शरणार्थी बनकर भारत आए। उनमें से करीब एक लाख सिंधियों को कल्याण से ५ कि. मी. की दुरी पर स्थित सैनिक कैंप में रखा गया। बाद में उस एरिया को सन १९४९ में यह तालुका बना दिया गया। इस शहर का नामकरण उस समय के गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचार्य जी ने किया। उपनगरीय रेल स्टेशन १९५५ में बना। सन १९६० में यह शहर नगरपालिका बना। अब यह शहर महानगरपालिका है।

उल्हासनगर शहर का कई उद्योगों में बहुत बड़ा योगदान हैं।

उल्हासनगर पूरी दुनिया में व्यापार औऱ नई नई खोज के लिये मशहूर है।

 कन्फैक्शनरी , बिस्किट , कपड़ों , रेडीमेड , गाउन ,जींस , इलेक्ट्रॉनिक , बिल्डर ,  खाने के नये नये व्यंजन सहित कई छोटे बड़े उद्योगों से जाना पहचाना जाता हैं उल्हासनगर ,  उल्हासनगर के लोगों ने भारत सहित पूरी दुनियां में अपना परचम लहराया है।

 उल्हासनगर का शिलान्यास  'गवर्नर जनरल ऑफ़ इंडिया  माननीय सी. गोपालाचारी जी' के शुभ हाथों से ८ अगस्त १९४९ को हुआ और आज ८ अगस्त २०२० को उल्हासनगर शिलालेख स्थापना स्थल, महानगरपालिका के पीछे, स्विमिंग पुल पर पुष्प गुच्छ अर्पण कर हर्ष-उल्हास से लॉकडाउन और कोरोनाकाल के दरम्यान हम द नई आज़ादी टाईम्स के पूरी टीम  की तरफ से सभी शहरवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए सभी शहरवासियों का धन्यवाद करते है जिन्होंने इस शहर को सींचने में अपने जिंदगी का महत्वपूर्ण योगदान दिया।



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