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उल्हासनगर : 

(ग्रैजुएट कॉन्स्टिट्यूसेंसी कोंकण ) कोंकण स्नातक निर्वाचन सीट  के भाजपा उम्मीदवार श्री निरंजन डावखरे के प्रचार प्रसार के लिये उल्हासनगर भाजपा ज़िला व्यापारी सेल के ज़िलाध्यक्ष श्री जगदीश तेजवानी के कार्यालय में जोरशोर से श्री निरंजन डावखरे को जिताने के लिये काम शुरू हैं। जहाँ ज़िलाध्यक्ष श्री जगदीश तेजवानी , दिनेश पंजाबी , दिनेश मीरचंदानी, ज्योति गोखलानी राजन चंद्रवंशी , सिंधु राजपाल व  कार्यकर्ताओं की लगातार मीटिंग बुलाई जा रही हैं व सभी को हर वोटर तक पहुंचने का निर्देश दिया गया हैं हमारा लक्ष्य भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में एक एक वोट करवाने का हैं। चुनाव 26 जून को हैं औऱ उल्हासनगर के कुल 3477 मतदाता हैं।








 








कल्याण:

कल्याण की महात्मा फुले चौक पुलिस ने मां के पास सो रहे 6 माह के बच्चे को चुराने वाले दो बच्चा चोर को गिरफ्तार किया है। ये बच्चा चोर उल्हासनगर में रहते हैं।  जानकारी के मुताबिक मुरबाड रोड परिसर में शनिवार रात 20 साल की आयशा समीर शेख नाम की महिला अपने छह माह के बेटे अरबाज के साथ फुटपाथ पर सो रही थी।  सुबह जब वो उठी तो अपने बेटे को नहीं देखी। उसने आस-पास के इलाकों में उसकी तलाश की मगर वो कहीं नहीं मिला। आख़िरकार आयशा ने अपने बेटे की गुमशुदगी की शिकायत महात्मा फुले चौक पुलिस थाना में दर्ज करवाई। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शैलेश सालवी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बच्चे की तलाश के लिए पुलिस की तीन टीमों को भेजा।  सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी जानकारी के आधार पर पुलिस ने दिनेश भैयालाल सरोज (35) तथा अंकित कुमार राजेंद्र कुमार प्रजापति (25) को उल्हासनगर से गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसके पास से अरबाज को सुरक्षित बरामद कर आयशा को सुपुर्द कर दिया। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को तीन दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। दोनों आरोपी रिक्शा चालक हैं।

अब पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि बच्चा चुराने के पीछे उनका असली मकसद क्या था ?









 







उल्हासनगर:


उल्हासनगर के कुछ व्यापारियों द्वारा राजस्थान के एक कपड़ा मिल से मुंबई के एजेंट के जरिये करोड़ों का कपड़ा लेकर उनके साथ धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है।  खबर है कि राजस्थान पुलिस इस मामले की तहकीकात में उल्हासनगर आई हुई है। सूत्रों के मुताबिक पकड़े जाने के डर से ऐसे व्यापारी फिलहाल भूमिगत हो गए हैं. हालांकि एक व्यापारी को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने की बात कही जा रही है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि यह धोखाधड़ी का मामला राजस्थान के भीलवाड़ा के प्रतापनगर में कंचन इंडिया लिमिटेड नाम का कपड़ा मिल है जिसके जनरल मैनेजर दिनेन्द्र कुमार दाधीच ने प्रतापनगर पुलिस थाना में 3 करोड़ 80 लाख रूपये की ठगी का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस थाना में सीआर नंबर- 322/2024, आईपीसी की धारा 407/420/120 (बी) के तहत मामला दर्ज है। ये मामला उमेश कुमार प्रसाद तथा राज पटेल, श्री गणेश टेक्सटाईल्स अँधेरी, एजेंट अशोक शाह, ठाणे एवं एजेंट सुशिल गुप्ता, प्रताप नगर अजमेर रोड के नाम से दर्ज है। इनपर आरोप है कि इन सभी ने मिलकर षड्यंत्र रचकर ऐसे लोगों को कपड़ा बेचा है जो कपड़ा व्यवसाई नहीं है।  इस मामले में उल्हासनगर के कैंप पांच के भी कुछ कपड़ा व्यापारी शामिल हैं. इसलिए राजस्थान पुलिस शुक्रवार से उल्हासनगर में डेरा डाले हुए है और कैंप पांच में स्थानीय पुलिस की मदद से कुछ कपड़ा दुकानों में छापामारी की गई है. सूत्रों के मुताबिक एक व्यापारी को हिरासत में भी लिया गया है।  इस धोखाधड़ी में कैंप पांच के कुछ रसूखदार व्यापारियों के शामिल होने की बात कही जा रही है। बहरहाल यह चिंता का विषय है कि कपड़ा के कुछ व्यापारियों द्वारा करोड़ो की ठगी करने से उल्हासनगर शहर का नाम खराब हो रहा है।







 





उल्हासनगर: 

ग्लोबल वॉर्मिंग का बढ़ना हम सभी के लिए चिंता का विषय है। चिंता होना भी स्वभाविक है, क्योंकि जिस तरह से पिछले कुछ वर्षों में पेड़ों का क्षरण हुआ है, प्रकृति का शोषण हुआ है उससे आने वाले समय में यह ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते स्तर के रूप में एक बड़ी चुनौती बन जायेगा। आज सारा विश्व चिंतित है। धरती की सतह का तापमान बढ़ रहा है। 2050 तक यह 2 डिग्री सेंटीग्रेड बढ़ जाएगा और यह ग्लेशियर पिघलने लगेंगे। हमने जिस तेजी से विकास के प्रति दौड़ लगाई उसमें हमने बहुत कुछ पीछे छोड़ दिया। इनमें प्रकृति और पर्यावरण सबसे बड़े मुद्दे थे और अब आज साफ दिखाई दे रहा है कि हमारी नदियां हों, जंगल हों वायु, मिट्टी हो यह सब कहीं न कहीं खतरे में आ गयें हैं। हमें समझना होगा कि पेड़ों की कटाई और पर्यावरण का क्षरण समाज के लिए किस तरह चिंता का विषय है। पर्यावरण की रक्षा करने को लेकर महाराष्ट्र सरकार भले ही तमाम कवायद करें, मगर हकीकत यह है कि आज भी हरे भरे पेड़ों को मनपा, बिल्डर और स्थानीय नेताओं की तिकड़ी बलि देने में जुटी है। ये तिकड़ी शहर में मौजूद मंहगी जगहों को औने-पौने दामों पर खरीद कर उसे डिवेलप करते हैं या रिडिवेलप करते हैं। मगर, इसके लिए वहां मौजूद हरे-भरे पेड़ों को सुनियोजित तरीके से गायब कर देते है, जिसकी भनक न तो सरकार को और न ही पर्यावरण विभाग को लग पाती है। वहीं, संबंधित विभाग महज कागजी खानपूर्ति या बहानेबाजी करते दिख रहे हैं। कुछ ऐसा ही नजारा पिछले कई सालों से उल्हासनगर में दिख रहा है. यहां लगातार वर्षों पुराने पेड़ काटे जा रहे हैं. ताजा मामला कैंप दो में बैरेक नंबर 230 का है जहाँ एक जिंदा पेड़ काटा गया है. वहीं काजल पेट्रोल पंप के पास भी एक पेड़ काटा गया है. ऐसे कई उदाहरण हैं. इस संदर्भ में पर्यावरण प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्त्ता सरिता खानचंदानी का कहना है कि उल्हासनगर में 127 से अधिक पेड़ काटे गए हैं. उन्होंने कहा कि 2016 में बॉम्बे हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी कि उल्हासनगर में पेड़ों की कटाई ना हो. मगर आज भी शहर में पेड़ों की कटाई बदस्तूर जारी है. वीटेसी ग्राउंड में सैकड़ों पेड़ काटे गए हैं. 

पर्यावरण के प्रति सजक रहें

बेहतर है कि हम अभी से ही पर्यावरण के प्रति सजक रहें क्योंकि अगर पर्यावरण स्वस्थ होगा तभी हम स्वस्थ होंगे। बेहतर पर्यावरण के बगैर स्वस्थ जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। मैं खुद एक जागरुक नागरिक होने के नाते पेड़ों और पर्यावरण के प्रति हमेशा चिंतित रहता हूं। जब कभी देखने में आता है कि इस जगह पर इतने पेड़ काट दिये गये, उस जगह पर इतने पेड़ काटने की प्रक्रिया निरंतर चल रही है। यह सब देख निश्चिततौर पर मन में एक आक्रोश का भाव आता है। आक्रोश होना भी चाहिए कि क्योंकि अगर हम विकास के नाम पर पेड़ों की कटाई इसी तेजी के साथ करते चले गये तो वो दिन दूर नहीं जब हम सभी के लिए पर्यावरण संरक्षण एक चुनौती के रूप में सामने खड़ा हो जाये।


आखिर नये पेड़ लगाने की जिम्मेदारी किसकी

मैं किसी सरकार या पार्टी की बात नहीं कर रहा हूं, लेकिन पर्यावरण प्रेमी होने के नाते मेरे मन में केवल एक सवाल उठता है कि शहर में जो भी पेड़-पौधों को काटा गया। उसके एवज में किस जमीन पर पेड़ लगाए गए। अगर कहीं मनपा द्वारा पेड़ लगाए भी जा रहे हैं तो वे पेड़ देखभाल के अभाव में पूरी तरह से नष्ट हो रहे है। अगर हमें सही मायनें में पेड़ लगाने का कार्य और पर्यावऱण संरक्षण की दिशा में काम करना है तो हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि पेड़ लगाने की जिम्मेदारी किसकी हो।  विश्व पर्यावरण दिवस पर हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सभी जिम्मेदार हैं। अपने आसपास जितने कार्य हम पर्यावरण संरक्षण के लिए कर सकते हैं, वे सभी करें।









 








उल्हासनगर: 

 हर साल मानसून के दौरान उल्हासनगरवासियों को जल जमाव का सामना करना पड़ता है। खासकर बारिश को बौछार से ही सड़कें जल मग्न हो जाती है।  यूँ तो हर वर्ष मनपा द्वारा नदी नालों की सफाई पर करोड़ों रुपया खर्च किया जाता है मगर बारिश होते ही सारे खर्च व्यर्थ साबित होते हैं।  ऐसा सालों से होता चला आ रहा है।  आश्चर्य की बात ये है कि मनपा प्रशासन हर साल जल जमाव नहीं होने का दावा करती है और इस मद में करोड़ों रुपया खर्च करती है, मगर हर साल परिणाम शून्य बटा सन्नाटा ही रहता है।  अब ये किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर नदी नालों के सफाई के मद में खर्च होने वाले पैसे कहाँ जा रहे हैं। ऐसी ही हालत सड़कों की भी बनी हुई है। बरसात के दौरान जगह जगह सड़कों में खड्डे हो जाते हैं और उसे भरने की नाम पर मनपा की तिजोरी से करोड़ों रूपये खर्च तो किये जाते हैं लेकिन नतीजा सभी के सामने रहता है। इन सबका परिणाम ये होता है कि मानसून के दौरान लोगों को जल जमाव तथा सड़कों में खड्डे होने का खामियाजा भुगतना पड़ता है। शहर में तो दर्जनों नेता और समाजसेवक हैं मगर एकजुटता के साथ कोई भी इस गंभीर मुद्दे को लेकर आवाज नहीं उठाता है जिसका फायदा ठेकेदार उठाते हैं और लोग खुद को ठगा महसूस करते हैं। आखिर ये बुनयादी सुविधा कब लोगों को मिलेगी ये कह पाना मुश्किल है।








 







मुंबई।

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक हालात बदल गए हैं। इस बार राज्य में महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच लोकसभा चुनाव में जबरदस्त चुनावी लड़ाई हुई।  45 से अधिक सीटों पर जीत का दावा करने वाली भाजपा महायुति ने केवल 17 सीटें जीतीं, जबकि महाविकास अघाड़ी ने 30 सीटें जीतीं। इसलिए, भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि वह राज्य में महायुति की हार स्वीकार करेंगे और उपमुख्यमंत्री पद छोड़ने की इच्छा व्यक्त करेंगे। इसके लिए उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेतृत्व से अनुरोध करने की बात भी कही। हालांकि, फड़णवीस के इस फैसले के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हमें फड़णवीस का यह फैसला मंजूर नहीं है।  भाजपा विधायकों और नेताओं ने यह रुख अपनाया है कि देवेन्द्र फड़णवीस को सरकार में रहना ही चाहिए। अब आगे राज्य में सियासी हालात क्या होते हैं ये देखने वाली बात होगी।








 






मुंबई:

 सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे कुख्यात गैंगस्टर अरुण गवली की समय पूर्व रिहाई पर अगले आदेश तक सोमवार को रोक लगा दी। न्यायधीश अरविन्द कुमार एवं न्यायधीश संदीप मेहता की अवकाश पीठ ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ के 5 अप्रैल के आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी. बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश में राज्य में अधिकारियों को 2006 की माफी नीति के तहत शीघ्र रिहाई के लिए आवेदनों पर विचार करने का निर्देश दिया गया था। महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजा ठाकरे ने उच्च न्यायालय के पांच अप्रैल के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया. गवली, जो हत्या के एक मामले में दोषी ठहराया गया है और वह मकोका के प्रावधानों के तहत आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, राज्य की 2006 की माफी नीति के तहत लाभ उठा रहा है। हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने गवली की याचिका पर सुनवाई की थी. इसमें उन्होंने 10 जनवरी 2006 की माफी नीति के आधार पर शीघ्र रिहाई के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की। गवली 2007 में मुंबई में शिवसेना नगरसेवक कमलाकर जामसंडेकर की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उसने 2006 की माफी नीति की सभी शर्तों का पालन करने का दावा किया। गवली ने याचिका में यह भी कहा कि राज्य के अधिकारियों द्वारा शीघ्र रिहाई के उसके अनुरोध को अस्वीकार करना अन्यायपूर्ण, मनमाना है और इसे रद्द किया जाना चाहिए. गवली ने यह भी दलील दी है कि चूंकि वह 65 साल का है और मेडिकल बोर्ड ने उसे कमजोर घोषित कर दिया है, इसलिए उसे इस पॉलिसी का लाभ मिलना चाहिए.









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