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उल्हासनगर

सिंधी समाज के इष्टदेव झूलेलाल देव के उल्हासनगर कैम्प क्रमांक ५ स्तिथ पूज्य चालिया साहब मंदिर में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु चालिया का ४० दिनों का उपवास रखकर मंदिर में विविध कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर दर्शन करते है।
इस वर्ष कोरोना महामारी की रोकथाम हेतु लगाए गए प्रतिबंध के तहत आम जनता की आस्था स्थलों को बंद रखा गया था जिसे बाद में अनेक राज्यों ने अनलॉक के नियमों के तहत खोलने की अनुमति दी है, परंतु महाराष्ट्र राज्य सरकार ने अभी तक इस पर अंकुश लगाया हुआ है, इसके साथ ही राज्य सरकार गणपति उत्सव मनाने के लिए छूट और दिशानिर्देश जारी किया गया।

गणपति उत्सव और चालिया उत्सव ये दोनों बातें लोगों की आस्था से जुड़ी हुई होने के कारण उल्हासनगर के लोगों में सरकार के प्रति सामाजिक भेदभाव बरतने का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

चालिया का व्रत १६ जुलाई २०२० से सुरु हुआ था और अगामी २६ अगस्त को समाप्त होने जा रहा है, लेकिन सिंधी समाज के आस्था स्थल चालिया मंदिर को चारों तरफ से बेरिकेड्स लगाकर बंद किया गया हैं, जहाँ लोगों प्रशासन द्वारा मुख दर्शन भी नही करने दिया जा रहा।

उल्हासनगर के व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश तेजवानी व अनेक सहयोगियों ने माननीय मुख्यमंत्री , पालकमंत्री , पुलिस प्रशासन से चालिया साहब के मंदिर को मात्र मुखदर्शन करने के लिए खोलने की अनुमति देने का आग्रह किया है।
उल्हासनगर के कई नेताओं और संस्थाओं ने भी प्रशासन से चालिया मंदिर को चालिया के आखरी दिनों में दर्शन के लिये खोलने का आग्रह किया हुआ है।
ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से की तरफ से गुलशन हरीसिंघानी ने प्रशाशन से सार्वजनिक गणपति उत्सव नियमों की तरह चालिया मंदिर में लोगों को दर्शन के लिए अनुमति देने और सिंधी समाज की आस्था को ठेस ना हो इसका ख्याल रखने की गुजारिश की है। आगे उन्होंने कहा कि क्या मात्र मंदिरों पर पाबंदी से सब ठीक होगा, आने वाले गणेश उत्सव की तैयारियों के लिए कई जगह बड़े बड़े पंडाल लग रहे है जिसके लिए बड़े बड़े राजनैतिक लोगों का समर्थन भी है, लेकिन उल्हासनगर के सिंधी समाज के आस्था पर प्रहार किया जा रहा है।

उल्हासनगर महानगरपालिका और प्रशासन को आखिर में हमारी तरफ ये सलाह दी जा रही है कि अगर प्रशासन चाहें तो मंदिर के बाहर बैरिकेडस की जगह पर हेल्थ चेकउप पोस्ट लगाकर जिन्हें कोई लक्षण ना हो ऐसे ही श्रद्धालुओं को दर्शन करने अंदर जाने दिया जाए या फिर शहर में जो ५ हेल्थ पोस्ट बने हुए है वहाँ से रैपिड एंटीजेंट टेस्टिंग कराकर जिनकी नेगेटिव रिपोर्ट हो उन्हें दर्शन के लिए अनुमति दी जाए जिससे मंदिर में आये श्रद्धालुओं में कोविड फैलने का खतरा समाप्त हो जाएगा।




७४ वें स्वतंत्रता दिवस की सभी पाठकों को हार्दिक बधाई।
कोरोना महामारी और कोरोना के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए देशभर में सादगी से मनाया गया हिंदुस्तान का ७४ स्वतंत्रता दिवस समारोह।


१५ अगस्त २०२०, की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने लाल क़िले से सातवीं बार लगातार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने देश की आन, बान और शान राष्ट्रध्वज तिरंगा फहराया और राष्ट्र को संबोधन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अभिभाषण में आत्मनिर्भर भारत का संकल्प दोहराया और वोकल फॉर लोकल का नारा फिर से बुलंद किया। प्रधानमंत्री ने ७४ वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र डिजिटल स्वास्थ्य कार्ड मिशन के शुभारंभ की घोषणा करते हुए देश के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य पहचान पत्र मिलेगा तथा इस डिजिटल हेल्थ कार्ड में देश के सभी नागरिकों की स्वास्थ्य और चिकित्सा से संबंधित सारी जानकारियां उपलब्ध होगी।


महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे ने अपने सरकारी निवासस्थान वर्षा पर झंडारोहण कार्यक्रम किया।


उल्हासनगर शहर में सुबह महानगरपालिका में महापौर लीलाबाई आशान ने ७४वां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण करते हुए सलामी दी। इस अवसर पर मनपा आयुक्त डॉ राजा दयानिधि के साथ जनसंपर्क अधिकारी डॉ युराज भदाने और मनपा कर्मचारियों तथा कई नगरसेवकों की उपस्थिति में राष्ट्रीय ध्वाजारोहण करने के साथ महापुरुषों की प्रतिमा को माल्यार्पण कर नमन किया गया।



उल्हासनगर शहर में ७४ वां स्वाधीनता दिवस उल्लास और उमंग के साथ कई जगहों पर विविध कार्यक्रम के तहत, सामाजिक संस्थान और राजनीतिक पार्टियों की तरफ से मनाया गया।
जिसमें सिंधु युथ सर्किल, अमरधाम चौक परिसर, भारतीय जनता पार्टी जिल्हा कार्यालय तथा अन्य जगहों पर आमदार कुमार अयलानी और भाजपा नगरसेवकों और पदाधिकारीयों द्वारा  झंडावंदन किया गया।


उल्हासनगर ३ के गांधी भवन में शहर जिला कांग्रेस कमेटी जिल्हाअध्यक्ष राधाचरण करोतिया ने, कांग्रेस के कई पदाधिकारी तथा कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में ध्वजारोहण कर महान पुरुषों को तथा कोरोना महामारी से मृत्यु हुए सभी व्यक्तियों को श्रद्धांजलि दी


राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से उल्हासनगर एनसीपी कार्यालय पर भरत गंगोत्री और सोनिया धामी मैडम ने पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ ध्वजारोहण किया।


उल्हासनगर २ के खेमानी परिसर स्थित Balkan-ji-bari  स्कूल में ट्रस्टी मोहन साधवानी के हाथों ध्वजारोहण कार्यक्रम किया गया और दसवीं कक्षा में अव्वल छात्रों को पुरुस्कार देकर सम्मानित किया गया।




उल्हासनगर: (आनंद कुमार शर्मा)

हर वर्ष भाद्रपद के कृष्णपक्ष की अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी पुरे देश मे बड़े हर्ष उल्हास से मनाई जाती है।
मंदिरों में मध्यरात्रि १२:०० बजे श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
कृष्ण भक्त अपने आराध्य के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में सामुहिक भजन किर्तन और नृत्य श्रृंगार कर कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाते है।
महाराष्ट्र राज्य में कृष्ण जन्माष्टमी का बड़ा महत्व होता है, कृष्ण जन्म के बाद पूरे दिन विभिन्न स्थानों पर बड़ी संख्या में दहीहांड़ी का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया जाता है।

इस २०२० वर्ष में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए सम्पूर्ण देश मे लॉकडाउन किया गया और कई कड़े कदम उठाए गए, इसी नियमों के अंतर्गत देश के सभी धार्मिक स्थलों को बंद रखा गया जिसके चलते हर वर्ष की तरह कृष्ण जन्मोत्सव मंदिरों में नही मनाया गया।
इस वर्ष केवल मंदिरों के पुजारी और परिवार के कुछ लोगों ने कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार पूजा अर्चना कर में सादगी से मनाया गया और भगवान कृष्ण से इस कोरोना के प्रकोप से सबको सुरक्षित रखने की प्राथना की गई।

दूसरी तरफ लॉकडाउन औऱ कोरोना काल मे, ११ औऱ १२ अगस्त २०२० को कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव घर घर मे लोगो ने बडे आनंद के साथ अपने बच्चों को कृष्ण के लिबास पहना कर, घर मे भजन किर्तन कर एक सकारात्मक ऊर्जा के साथ परिवारजनों संग मनाया।

आइए देखते है घरों में मनाए गए कृष्ण जन्माष्टमी उत्साह - महोत्सव की कुछ झलकियां।








आनंद कुमार शर्मा :

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ, देश और महाराष्ट्र राज्य में अनलॉक की प्रक्रिया भी चल रही है, अधिकतर गतिविधियां शुरू हो गई हैं, लेकिन कोरोना के मरीजों की संख्या फिर भी बढ़ रही है, आज कल्याण शहर में ३६८ नए कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ कुल अकड़ा २३२१७ हो गया है।
बढ़ते कोरोना पॉजिटिव संक्रमित मरीजों को देखते हुए औऱ इस महामारी के प्रकोप पर काबू पाने के उद्देश्य से कई सारे नियोजन किये गए और प्रतिबंधन लगाए गए।

महाराष्ट्र राज्य पूरे देश मे कोरोना संक्रमित पॉजिटिव मरीजों की संख्या में सबसे ऊपर प्रथम स्थान पर सुरुवात से विराजमान है। महाराष्ट्र के मुम्बई, ठाणे और पुणे शहर के कुल कोरोना संक्रामित मामलों की संख्या को जोड़ा जाए तो भी यह संख्या पूरे देश के बाकी राज्यों से अधिक है।

केवल कल्याण डोम्बिवली महानगरपालिका क्षेत्र के कोरोना संक्रम आकड़ो पर नजर डालें तो हिंदुस्तान के आधे राज्यों से अधिक मामले इस छोटे से शहर में है।
कल्याण डोम्बिवली महानगरपालिका क्षेत्र देश के सिक्किम, मेघालय, मिज़ोरम, दादरा-दमन, चंडीगढ़, अंडमान, लदाख, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, पुडुचेरी-पॉन्डिचेरी, गोआ, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड, जैसे राज्यों से आगे है।

जुलाई महीने में किये गए लॉकडाउन का असर कल्याण और उल्हासनगर में देखा गया, यह अनुमान लगाया गया कि अगर इन शहरों में लॉकडाउन नही होता तो कोरोना महामारी की परिस्थितियों पर काबू पाना नामुमकिन था।
इसी तर्ज पर पालघर और आस पास के क्षेत्रों में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए पालघर नगरपरिषद के जिल्हादण्डाधिकारी डॉ. कैलाश शिंदे ने धारा १४४ लगते हुए ५ दिनों का सख्त और सम्पूर्ण लॉकडाउन १३ अगस्त मध्यरात्रि से लेकर १८ अगस्त मध्यरात्रि तक लागू करने के निर्णय की घोषणा कर दि है।

कोरोना मुक्त शहर अभियान के अंतर्गत शहरवासियों ने समझदारी और सतर्कतापूर्वक जिम्मेदारी निभाई थी जो अब देखने को नही मिल रही है।

द न्यू आज़ादी टाईम्स कि तरफ से हम शहरवासियों को अगाह करना चाहते है कि शहर कोरोना मुक्त नही हुआ, सिर्फ भय मुक्त हुआ है।




उल्हासनगर:

उल्हासनगर महागनगर पालिकेच्या वतिने निविदांवर निविदा काढल्या जात आहेत. पण खरंच आपल्याला आता एवढया मोठ्या प्रमाणात आरोग्य साहित्याची आवश्यकता आहे का.? जेव्हा आपल्याला खरोखर गरज होती तेव्हा आपण हया सर्व  उपाययोजना का केल्या गेल्या नाहीत. आता गरज नसतांना शासना कडुन येणाऱ्या कोटयावधी रुपयाच्या निधीचा असा वापर नेमका कुणाच्या भल्यासाठी असा खोचक प्रश्न मनसे शहर अध्यक्ष बंडू देशमुख यांनी महापालिका प्रशासनाला विचारलाय.

शहरातील नागरिक आपल्या रुग्ण नातेवाईकाला घेऊन जेव्हा शहरभर उपचारासाठी दर-दर भटकत होते व जेव्हा शहरातील रुग्णांना वेळेवर ऑक्सिजन व व्हेन्टिलेटर बेड मिळत नव्हते. तेव्हा कितीतरी रुग्णांनी ऑक्सिजन व व्हेन्टिलेटर बेड अभावी आपले प्राण गमावलेत. तेव्हा हया वस्तु आपण का खरीदी केल्या नाहीत असा प्रश्न देशमुख यांनी उपस्थित केलाय. मग आता नको तिथे ही उधळपट्टी कशासाठी आणि नेमकी कुणाच्या फायदयासाठी केलीय जातेय.जेव्हा शहरातील लोकांना खरोखर आपल्या मदतीची गरज होती. तेव्हा शहरातील जनतेच्या पाठिमागे उभे न राहता आपण खाजगी रुग्णालयांच्या पाठिमागे मागे उभे राहिलो.जेव्हा खाजगी रुग्णालये लोकांची दोन दोन अडीच अडीच, तिन तिन लाखाची बिल बनत होते. तेव्हा आपले प्रशासन फक्त कागदी घोडे नाचविण्यात व्यस्त होते. शहरातील नागरिकांनी आपल सोनं, घरदार विकून किंवा कर्ज काढून आपल्या नातेवाईकांची लाखो रुपयाची बील भरलीत तेव्हा प्रशासनाने हया उपाययोजना का केल्या नाहीत.तेव्हा जर हया उपाययोजना केल्या असत्या तर कितीतरी लोकांचे प्राण वाचले असता असेही ही बंडू देशमुख म्हणाले.

मा.आयुक्त साहेब जेव्हा तुमची नियुक्ती आमच्या उल्हासनगर महानगर पालिकेत झाली तेव्हा आमच्यासह शहरातील सर्वच नागरिकांना खुप आनंद झाला होता की आम्हांला एक डॉक्टर आयुक्त मिळाले आता कोरोणा संकटावर आम्ही सहज मात करु शकतो.आपल शहर लवकरच कोरोना मुक्त होणार व आजच्या रुग्णांची संख्या पाहता तसे झाले सुध्दा आहे.

1) मग 8 कोटी 80 लाखाची निविदा काढलीय त्यात 90 हजार फेसशिल्ड, 81 हजार गॉगल, 90 हजार N-95  मास्क, 81 हजार surgical मास्क, व इतर साहित्य

  २) 2 कोटी 80 लाखाची जी निविदा काढलीय त्यात 2620 हॉस्पिटल बेड, 13500 बेडशीट,5400 ब्लॅंकेट, 5400 सोलापुरी चादर,  2700 शे पिलो व ईतर साहित्य खरेदी करताये

  3) मुरबाड रोड वरील ताबोर आश्रम येथे 400 बेड साठीची ऑक्सिजनची टाकी, पाईप लाईन फिटिंग, तसेच पार्टीशन साठी आपण जवळ पास 1 कोटी 50 लाखाची निविदा काढली याची खरच गरज आहे का..?

 या सह ईतर ही निविदाही आपण काढल्या आहेत हे नेमक काय चाललय जनतेला पण कळू दया कारण शेवटी हे पैसे जनतेच्या करातले पैसे आहेत.साहेब या संपूर्ण पैशातुन महानगर पालिकेच एक अत्याधुनिक रुग्णालय उभ राहु शकत.आणि त्याची आपल्या शहराला गरज देखील आहे. जर तुम्ही हे रुग्णालय उभ केल तर या शहरातील जनता आपली आयुष्यभर ऋणी राहिल. हे पैसे नको तिथे खर्च करण्याऐवजी आम्हांला एक सुसज्ज व अत्याधुनिक महानगर पालिकेच  रुग्णालया दया अशी मी विनंती मनसेच्या वतिने आयुक्तांना करण्यात आली आहे.

जर आपण महापालिकेच रुग्णालय उभ करु शकत नसु तर हे पैसे या प्रकारच्या निवेदेवर खर्च करुन ठेकेदाराच भल करण्यापेक्षा या पैशातुन शहरातील प्रत्येक कोरोणा पॉझिटीव्ह नागरिकांच खाजगी रुग्णालयांच जे बिल आहे ते आपण महापालिकेच्या माध्यमातून भरण्याची मागणी सुध्दा बंडू देशमुख यांनी आयुक्तांन कडे केली आहे.

आज आपल्याला ज्या गोष्टींचीं खरोखर गरज असेल त्या आपण नक्की करा आम्ही आपल्या सोबत आहोत. पण गरज नसतांना जर कुणाच्या तरी फायदयासाठी हे सर्व करत असाल तर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना मा. उच्च न्यायालयात दाद मागेल असेही पञाता नमुद केल आहे.







(उल्हासनगर)

आज शनिवार, ८ अगस्त २०२०, कोरोना काल के लॉकडाउन का १३८ वा दिन।
उल्हासनगर के ७१ वां जन्मदिवस (स्थापना दिवस) के उपलक्ष्य में उल्हासनगर शिलालेख पर पुष्प माला अर्पण करते हुए शहरवासियों को बधाई दी गयी।

कोरोना के इस भयंकर वैश्विक महामारी के प्रकोप से हमारा छोटा सा, प्यारा सा शहर उल्हासनगर भी नही बच पाया।
इन पिछले ५ महीनों में हमारे प्यारे शहर की एक विशेषता रही कि इस मुश्किलों में हमारे शहर के लोग एक दूसरे को संभालते नजर आए।

चंद स्वार्थी, लोभी और अनैतिक लोगों को दरकिनार कर दिया जाए तो हमारे प्यारा शहर उल्हासनगर की अधिकतर जनता परोपकारी है, संस्कारी है और भावनात्मक रूप से एक दूसरे से जुड़ी हुई है, यह इस संकट की समय हमे देखने और सीखने मिला।

हमारे शहर ने इस कोरोना काल मे एक बार फिर देश और दुनिया के समक्ष एकजुटता की मिसाल पेश की है।

हमारा उल्हासनगर शहर ५ कैम्पों में बांटा है, उल्हासनगर १ से उल्हासनगर ५ तक। उल्हासनगर शहर कल्याण और अंबरनाथ के बीच में, लगभग १३ स्क्वायर किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ शहर है।

बोहोत से मायनों में उल्हासनगर आस पड़ोस के शहर और कस्बों से आगे है, पूरे ठाणे जिल्हा में सबसे ज्यादा घनी आबादी वाला शहर उल्हासनगर, ८ अगस्त १९४९ को जन्म हुआ, इसके अनुरूप आज शनिवार ८ अगस्त २०२०, उल्हासनगर का ७१ वा स्थापना दिवस है।

इस गौरवपूर्ण ऐतिहासिक दिन ८ अगस्त को पुरा उल्हासनगर एक साथ कई वर्षो से धूमधाम से उल्हासनगर दिवस के रूप में मनाते आ रहा है।
उल्हासनगर महाराष्ट्र का पहला शहर है जो अपना जन्मदिन मनाता है।

उल्हासनगर के इतिहास पर नजर डालते है....
आजादी के साथ-साथ भारतवर्ष का विभाजन हुआ और पाकिस्तान बन गया। उस समय पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में हिन्दू सिंधियों पर अत्यधिक अत्याचार हुवे और लाखों सिन्धी शरणार्थी बनकर भारत आए। उनमें से करीब एक लाख सिंधियों को कल्याण से ५ कि. मी. की दुरी पर स्थित सैनिक कैंप में रखा गया। बाद में उस एरिया को सन १९४९ में यह तालुका बना दिया गया। इस शहर का नामकरण उस समय के गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचार्य जी ने किया। उपनगरीय रेल स्टेशन १९५५ में बना। सन १९६० में यह शहर नगरपालिका बना। अब यह शहर महानगरपालिका है।

उल्हासनगर शहर का कई उद्योगों में बहुत बड़ा योगदान हैं।

उल्हासनगर पूरी दुनिया में व्यापार औऱ नई नई खोज के लिये मशहूर है।

 कन्फैक्शनरी , बिस्किट , कपड़ों , रेडीमेड , गाउन ,जींस , इलेक्ट्रॉनिक , बिल्डर ,  खाने के नये नये व्यंजन सहित कई छोटे बड़े उद्योगों से जाना पहचाना जाता हैं उल्हासनगर ,  उल्हासनगर के लोगों ने भारत सहित पूरी दुनियां में अपना परचम लहराया है।

 उल्हासनगर का शिलान्यास  'गवर्नर जनरल ऑफ़ इंडिया  माननीय सी. गोपालाचारी जी' के शुभ हाथों से ८ अगस्त १९४९ को हुआ और आज ८ अगस्त २०२० को उल्हासनगर शिलालेख स्थापना स्थल, महानगरपालिका के पीछे, स्विमिंग पुल पर पुष्प गुच्छ अर्पण कर हर्ष-उल्हास से लॉकडाउन और कोरोनाकाल के दरम्यान हम द नई आज़ादी टाईम्स के पूरी टीम  की तरफ से सभी शहरवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए सभी शहरवासियों का धन्यवाद करते है जिन्होंने इस शहर को सींचने में अपने जिंदगी का महत्वपूर्ण योगदान दिया।



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