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लंदन/दुबई (एजेंसियां)। आईसीसी क्रिकेट 2019 में पाकिस्तान ने अपने अंतिम ग्रुप मैच में बांग्लादेश को 94 रनों से हराया। पाकिस्तान ने पहले खेलते हुए 315 रन बनाए और जवाब में बांग्लादेश को 44.1 ओवर में 221 रन पर ऑलआउट कर दिया।

पाकिस्तान ने मैच तो जीत लिया, लेकिन वो सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो गया। पाकिस्तान के सेमीफाइनल में पहुंचने को लेकर उहापोह की स्थिति थी। बांग्लादेश के खिलाफ जब उसने पहले बल्लेबाजी करते हुए 315 रन बनाए तो समीकरण कुछ ऐसे बने कि यदि सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई करना है तो उसे बांग्लादेश को 7 या उससे कम रन पर ऑलआउट करना था। लेकिन बांग्लादेश ने दूसरे ओवर में ही 8 रन का स्कोर पार किया और पाकिस्तान वर्ल्ड कप से बाहर हो गया और न्यूजीलैंड सेमीफाइनल में पहुंच गया।

इस्तांबुल। अमेरिका के विरोध के बावजूद रूस से पहली S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली अगले हफ्ते तुर्की पहुंच जाएगी। स्थानीय मीडिया के मुताबिक इस रक्षा प्रणाली को रूसी वायुसेना के एक ठिकाने पर रविवार को दो मालवाहक विमानों में लादा जाएगा।

S-400 की तैनाती के लिए रूस की विशेष टीम भी सोमवार तक तुर्की पहुंच जाएगी। रक्षा प्रणाली खरीदने के फैसले के बाद तुर्की और अमेरिका के बीच तनातनी काफी बढ़ गई है।

अमेरिका ने नाटो सहयोगी तुर्की पर प्रतिबंध लगाने तक की धमकी दी है। अमेरिका का कहना है कि S-400 से उसके एफ-35 लड़ाकू विमानों की सुरक्षा खतरे में आ जाएगी।

 नई दिल्ली। मोदी सरकार ने आम बजट 2019-20 में एक अहम प्रावधान किया है। अब विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये से अधिक खर्च करने वालों को आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा। साथ ही जिन लोगों का बिजली का बिल सालाना एक लाख रुपये से अधिक है, उन्हें भी अनिवार्य रूप से ITR दाखिल करना होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश वित्त विधेयक-2019 में इस आशय के प्रावधान किए। प्रस्तावित संशोधनों के तहत अगर किसी व्यक्ति ने बैंक में एक या अधिक चालू खातों में कुल मिलाकर एक करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा की है तो उसके लिए रिटर्न भरना अनिवार्य होगा।

भोपाल। चार दिन बाद विधानसभा में वित्त मंत्री तरुण भनोत द्वारा पेश किए जाने वाले कमलनाथ सरकार के पहले बजट के लिए केंद्र सरकार ने चुनौती खड़ी कर दी है। केंद्र ने करों से मिलने वाले राज्य के हिस्से में 2 हजार 677 करोड़ रुपए की कटौती कर दी है। इससे आय-व्यय का अनुमान ही गड़बड़ा गया है। जबकि, इसके आधार पर बजट तैयार हो चुका है। कैबिनेट का अनुमोदन लेकर वित्त विभाग इसे छपाई (प्रिंटिंग) के लिए भी भेज चुका है। इसका सिर्फ वही हिस्सा बाकी है, जो कराधान से जुड़ा है। ऐसे में इस कटौती की पूर्ति करना सरकार के लिए बेहद मुश्किल काम है क्योंकि सरकार आम जनता पर ऐसे किसी नए कर का बोझ नहीं लादना चाहती है जो उसे सीधे-सीधे प्रभावित करे।

नई दिल्ली। देश भर में मानसून सक्रिय हो चुका है। इसके चलते अब बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। शनिवार को देश के कई राज्‍यों में भारी बारिश की संभावना है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार इस बार मानसून आने में देरी हो चुकी है। निजी मौसम वेबसाइट स्काईमेट के मुताबिक शनिवार को गरज बढ़ने की संभावना है। आइये प्रदेशों में बारिश की संभावना और स्थिति को विस्‍तार से जानें।


दक्षिण-पश्चिम मानसून पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों समेत मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्से, छत्तीसगढ़ के शेष हिस्से, उत्तर प्रदेश के कुछ और हिस्सों के अलावा उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों के साथ ही कुछ अन्य हिस्सों में आगे बढ़ा है। इसी के साथ मानसून राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली पहुंच गया।

Hailing from a small town, Akbarabaad in Uttar Pradesh with dreams in his eyes to pursue acting, little did Suhel Ali Khan know that his hardwork & passion would land him in Bollywood. 

Having no Bollywood background and belonging to a normal middle class family, Suhel Ali Khan started his career as a on - location photographer in a renowned production house.

To his hardwork, he proved his profess & became the Production Controller & later an Executive Producer. Suhel has also marked his brilliance in Star Plus show Diya Aur Baati Hum "I happy that I started from the very beginning. I think it is my strength. I bring a lot of real elements in my work because of a normal life. Of course I groomed myself but I didn't let my grooming affect that element in my which makes me different from rest of them" 

Talking about his journey he say “I belong to a simple family back ground where we don’t have any association with Bollywood, but it was my passion for this art which made me pursue acting. As I never had a mentor or a God father to guide me, it was my hardwork that got me where I am today" 

Suhel gears up for his upcoming single "Sajda" which marks his debut as a hero in a song "Acting is my passion. I want to do roles which give me job satisfaction that by the end of the day I feel satisfied that I have portrayed substantial role” adds Suhel Ali Khan

स्टार न्यूज़ टुडे , मुंबई, शमा ईरानी

बॉलीवुड मूवीज में क्राईम थ्रिलर और कोर्ट-रूम ड्रामा को दर्शकों द्वारा पसंद किया जाता रहा है. कई फ़िल्में देश की कानून और न्याय व्यवस्था पर सवाल भी उठाती हैं, निर्देशक अशोक नन्दा की क्राइम थ्रिलर 'वन डे जस्टिस डिलिवर्ड' भी इसी तरह के कई प्रश्न उठाती है और जो आजकल अपने अनोखे कांसेप्ट की वजह से चर्चा में है। अनुपम खेर, ईशा गुप्ता, मुकुंद मिश्रा के अभिंय से सजी फ़िल्म वन डे जस्टिस डिलिवर्ड आज के समाज में फैले भ्रष्टाचार और अपराधी को सज़ा दिलाने के लिए क़ानून को हाथ में लेना सही है या गलत, फिल्म इस सन्दर्भ में है। ज्यूडिशियल सिस्टम पर बनी इस फ़िल्म के निर्देशक अशोक नंदा इससे पहले अंग्रेजी फिल्म 'फायर डांसर', हिंदी फ़िल्म 'हम तुम और मॉम' और 'रिवाज' बना चुके हैं। 5 जुलाई को रिलीज़ होने जा रही फ़िल्म 'वन डे जस्टिस डिलिवर्ड' के निर्माता केतन पटेल, कमलेश सिंह कुशवाहा और सह-निर्मात्री स्वाति सिंह हैं. इस फिल्म के बारे में और आगे की योजना के सन्दर्भ में अशोक नंदा से लम्बी बातचीत के खास अंश पेश किये जा रहे हैं.

इस फ़िल्म को बनाने का आईडिया आपको कैसे आया ?

* यह मेरी चौथी फिल्म है. थ्रिलर मेरा फेवरिट जौनर रहा है, इस बार मैं क्राइम थ्रिलर बनाना चाहता था. जब मेरे सामने यह सब्जेक्ट आया तो मुझे लगा कि यह काफी नया है और एंगेजिंग है. ज्युडिशियल सिस्टम के खिलाफ सब्जेक्ट पर आधारित फिल्म काफी दिनों से बॉलीवुड में नहीं आई है, हमें अंधा कानून या आखिरी रास्ता जैसी फिल्मे याद आती हैं. यह रीयलिस्टिक फिल्म है. कुछ सच्ची घटनाओं से प्रेरित सब्जेक्ट है. आजकल ऐसा हो गया है कि लोग पुलिस पर हाथ उठा देते हैं तो आम आदमी की सुरक्षा का क्या है? लोगों को पुलिस और कानून का कोई डर नहीं रहा, आज यह हालात हो गए हैं ऐसे में इसका समाधान क्या है? फिर आम आदमी को भी किसी भी कीमत पर न्याय चाहिए, चाहे इसके लिए उसे किसी को मारना पड़े या किसी को किडनैप करना पड़े.

क्या इस फ़िल्म में अनुपम खेर ही आपकी फर्स्ट चॉइस थे ?

* डी नीव फ़िल्म्स और ए सिनेमा फ्राइडे प्रोडक्शन के बैनर्स तले निर्मित वन डे जस्टिस डिलिवर्ड में अभिनेता अनुपम खेर रिटायर्ड जज त्यागी का किरदार निभा रहे हैं. अनुपम जी के किरदार के कई रंग हैं. घर में वह बड़े प्यार से रहते हैं, बच्चो के साथ खेल भी लेते हैं, कोर्ट में सीरियस भी है, क्रिमनल्स के लिए हार्ड भी है, तो ऐसे किरदार को जब हम देखते हैं तो हमें सारांश और कर्मा जैसी फिल्मे याद आती हैं. इसलिए इस रोल के लिए मेरी पहली पसंद अनुपम खेर ही थे। इसके अलावा रिटायर्ड जज के लिए जिस उम्र के फनकार की जरूरत थी उस लिहाज से भी अनुपम जी सही थे। तो यह सब देखकर अनुपम खेर से हमने अप्रोच किया. शुरू में यह रोल करने को लेकर बहुत असमंजस में थे उनका सवाल था कि हाई कोर्ट के जज को कोई कैसे थप्पड़ मार सकता है? फिर हमने कई ख़बरों की कटिंग उन्हें दिखाई, जिसमे जज को मारने की बात थी. जब यह सीन जस्टिफाई किया गया तब उन्होंने इसे करने के लिए हामी भरी. इस थप्पड़ की वजह से ही कहानी में मोड़ आता है. अपने रिटायरमेंट के बाद जस्टिस त्यागी को लगता है कि सुबूतों के अभाव और कानूनी जटिलताओं के चलते उन्हें कुछ अपराधियों को छोड़ना पड़ा था, इनमें से कुछ उनके आस-पास के लोग भी हैं. एक ऐसे ही केस में पीड़ित परवीन बीबी (ज़रीना वहाब) अपने बेटे की मौत के ज़िम्मेदार अपराधियों को सज़ा ना मिलने पर न्यायालय परिसर में जस्टिस त्यागी को थप्पड़ मारती हैं. ये थप्पड़ कहानी में कई नए मोड़ लेकर आता है. उस एक दिन ने उस जज की जिंदगी बदल कर रख दी इसलिए फिल्म का नाम है वन डे. इस सीन में झारखण्ड हाई कोर्ट की बिल्डिंग लिखी हुई दिख रही थी जिस पर सेंसर बोर्ड को एतराज था. उन्हें एनओसी चाहिए थी. इसी वजह से रिलीज की डेट आगे बढ़ गई.

यह फिल्म क्या कहना चाहती है?

*वन डे जस्टिस डिलीवर्ड फ़िल्म आपको सोचने पर मजबूर करती है कि अन्याय के खिलाफ़ लड़ने के लिए कोई किस हद तक जा सकता है और अगर कानूनी ढंग से न्याय ना मिले तो क्या न्याय के लिए कानून को अपने हाथों में ले लेना सही है या ग़लत? इस तरह के कई जरुरी और अहम सवाल उठाती है यह फिल्म. कॉमन मैन के लिए कौन खड़ा होगा. आम तौर पर यह समझा जाता है कि अगर किसी की ओर से सरकारी वकील खड़ा है तो वह केस हार ही जायगा. हालाँकि सरकारी वकील ज्यादा पावरफुल होना चाहिए, उसे इंसाफ दिलाना चाहिए. अमीर और फेमस आदमी केस जीत जाता है, ऐसा नहीं होना चाहिए. एक मिडिल क्लास और साधारण व्यक्ति को भी न्याय पाने का अधिकार है। यह फिल्म इन्साफ में होने वाली देरी पर बेस्ड है अगर इंसाफ में देरी होती है इसका मतलब यह है कि इन्साफ नहीं मिला. 'जस्टिस डिलेड इज जस्टिस डिनायड'.क्या हमारे ज्युडेशरी सिस्टम में बदलाव की जरुरत है, क्या मुक़दमे के फैसले की एक डेड लाइन होनी जरुरी है? इस फिल्म में हमने सबको जस्टिफाई किया है.

ईशा गुप्ता की इमेज एक ग्लैमरस गर्ल की रही है पर इस फ़िल्म में उनका रोल क्या है ?

* ईशा गुप्ता का फ़िल्म में बेहद महत्वपूर्ण रोल है। वह एक सख्त पुलिस की भूमिका में है। ईशा बात कम करती है और हाथ ज्यादा चलाती है. इस किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है.

फ़िल्म के म्यूजिक के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?

* फिल्म में चार गाने हैं, जिन्हें कमर्शियल वैल्यू और सिचुएशन को ध्यान में रखकर क्रिएट किया गया है। एक टाइटल सोंग है जो थीम सोंग है. यह एक सेमी रॉक गीत है. इसके लिरिक्स प्रभावी हैं. एक शादी का सिचुएशन्ल गीत है. ईशा का एक इंट्रो सोंग है. एक क्लब सोंग है जिसके बेकड्राप में एक किडनैप होता है. फिल्म में एक रोमांटिक गीत भी था लेकिन फिल्म में उसकी सिचुएशन नहीं निकल सकी. फिल्म की अधिकतर शूटिंग झारखण्ड में हुई है.

आज दर्शकों को कंटेंट बेस्ड मूवीज पसंद आ रही हैं, ऐसे में आपको अपनी इस फ़िल्म से कितनी उम्मीदें हैं?

* देखिये हमारी फिल्म भी एक कंटेंट वाली फिल्म है जिसमे बेहतरीन मैसेज भी है. अब दर्शक काफी समझदार हो गए हैं, वे कहानी में नयापन और गहराई देखते हैं। इस फिल्म में नयापन भी है गहराई भी, जो ऑडियंस के दिलों को जरुर छुएगी. मैं समझता हूँ कि इन दिनों का यूथ बेहद जागरूक है वह बदलाव ला सकता है। मैं अपनी फिल्म के ज़रिये ऑडियंस तक मैसेज पहुँचाना चाहता हूँ कि इंसाफ पाना हर वर्ग का हक है। इस फ़िल्म में कई ऐसे डायलॉग है जो ऑडियंस को बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करेंगे।

इस फिल्म के बाद आपके अपकमिंग प्रोजेक्ट्स कौन से होंगे?

* इसके बाद एक एक्शन कॉमेडी थ्रिलर फिल्म बनाने की प्लानिंग है. जल्द ही स्टार कास्ट के साथ उसकी घोषणा की जाएगी.

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